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ईरान में जासूसों की खोज में बलूच नागरिकों पर हमला

ईरान में जासूसों की खोज के नाम पर IRGC ने बलूच समुदाय के एक गांव पर हमला किया, जिसमें एक महिला की मौत हो गई और 12 लोग घायल हुए। मानवाधिकार संगठनों ने इस कार्रवाई को बर्बर बताते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की है। यह घटना ईरान में बलूच नागरिकों के प्रति जारी भेदभाव और दमन को उजागर करती है। जानें इस हमले के पीछे की सच्चाई और बलूच समुदाय की स्थिति के बारे में।
 

ईरान में जासूसों की खोज में हमले की घटना

इजराइल के साथ 12 दिनों की लड़ाई के बाद, ईरान में जासूसों की खोज तेज हो गई है। इस संदर्भ में, ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने एक गांव पर छापा मारा।


दक्षिण-पूर्वी ईरान के सिस्तान-बालूचिस्तान प्रांत के गोनिच गांव में हुए इस हमले में एक 40 वर्षीय महिला की जान चली गई और 12 अन्य लोग घायल हुए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। मानवाधिकार संगठन हालवश के अनुसार, यह कार्रवाई अत्यंत क्रूर थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हमले के दौरान एक 21 वर्षीय गर्भवती महिला को IRGC के सैनिकों ने लात मारी, जिससे उसका गर्भपात हो गया।


गांव वालों की प्रतिक्रिया

गांव के निवासियों और चश्मदीदों के अनुसार, यह हमला अचानक हुआ और IRGC ने ड्रोन और भारी सैन्य वाहनों का उपयोग किया। गांव के अधिकांश लोग बलूच समुदाय से हैं, जो पहले से ही ईरानी सरकार की नीतियों से असंतुष्ट हैं। IRGC का दावा है कि उन्हें इलाके में पांच इजराइली जासूसों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जो मोसाद से जुड़े बताए जा रहे हैं। हालांकि, IRGC के अपने मीडिया हाउस 'तस्नीम' की इस रिपोर्ट पर सवाल उठाए जा रहे हैं, क्योंकि न तो किसी संदिग्ध की तस्वीर दिखाई गई और न ही गिरफ्तारी की पुष्टि हुई।


बलूच समुदाय पर लगातार हमले

यह पहली बार नहीं है जब बलूच समुदाय को निशाना बनाया गया है। ईरान में अल्पसंख्यक बलूच लंबे समय से हाशिए पर हैं, उन्हें न तो विकास मिला है और न ही अधिकार। ताजा घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि IRGC जब चाहे, आम नागरिकों को सुरक्षा खतरा बताकर उन पर कार्रवाई कर सकती है।


मानवाधिकार संगठनों की अपील

मानवाधिकार संगठनों का आरोप है कि जासूसों की मौजूदगी का दावा एक बहाना है, असल में यह हमला बलूच नागरिकों की आवाज को दबाने के लिए किया गया। संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय मंचों से अपील की है कि गोनिच गांव में हुई इस कार्रवाई की स्वतंत्र जांच कराई जाए और ईरान के भीतर मानवाधिकार हनन की घटनाओं पर नजर रखी जाए।