ईरान में अफगान शरणार्थियों की वापसी की प्रक्रिया तेज, 7 लाख को निकाला गया
ईरान में अफगान शरणार्थियों की वापसी
ईरान ने अमेरिका और इजराइल के साथ बढ़ते तनाव के बीच अपने देश में रह रहे अफगान शरणार्थियों को निकालने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। 6 जुलाई तक लगभग 7 लाख अफगानों को देश छोड़ने का आदेश दिया गया है, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जो कई वर्षों से ईरान में निवास कर रहे थे।
संयुक्त राष्ट्र और अफगान अधिकारियों का कहना है कि इन लोगों को जबरन निकाला गया है, जबकि ईरान सरकार इसे 'स्वैच्छिक वापसी' के रूप में प्रस्तुत कर रही है। जून में ही 2.3 लाख अफगान वापस लौट चुके हैं, और जनवरी से अब तक 6.9 लाख लोग ईरान छोड़ चुके हैं।
हेरात में अस्थायी ट्रांजिट सेंटर
ईरान से निकाले गए अफगानों के लिए हेरात में एक अस्थायी ट्रांजिट सेंटर स्थापित किया गया है, जहां उन्हें भोजन, पानी और रात बिताने की जगह उपलब्ध कराई जा रही है। यहां यूएन एजेंसियों और एनजीओ की सहायता से सीमित संसाधनों में राहत प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। तालिबान सरकार ने आश्वासन दिया है कि ईरान में जिन अफगानों की संपत्ति जब्त की गई है, उन्हें वापस दिलाने के लिए बातचीत चल रही है।
अफगान महिलाओं के सामने कपड़ों की समस्या
ईरान से लौटने वाली अफगान महिलाओं और युवाओं को अब केवल रोजगार और आवास की समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा, बल्कि कपड़ों की भी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। जो लोग ईरानी फैशन के अनुसार कपड़े पहनते थे, उन्हें अब तालिबान के सख्त नियमों का सामना करना पड़ रहा है। गर्म मौसम में पश्चिमी या ईरानी शैली के कपड़े पहनना और भी कठिन हो गया है। ऐसे में लौटे लोग न तो नए देश के नियमों में ढल पा रहे हैं और न ही पुराने को पूरी तरह छोड़ पा रहे हैं।
डराने वाले आंकड़े
इस वर्ष अब तक 10 लाख से अधिक अफगान नागरिक पाकिस्तान और ईरान से वापस लौट चुके हैं। ईरान की डेडलाइन 6 जुलाई तक यह संख्या और बढ़ने की संभावना है। अनुमान है कि केवल ईरान से ही 40 लाख अफगान प्रभावित हो सकते हैं। यूएन की एजेंसी IMO पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह केवल सीमित लोगों की सहायता कर सकती है।