ईरान के विदेश मंत्री ने ट्रंप को दी सलाह, कहा- अपमानजनक भाषा छोड़ें
ईरान के विदेश मंत्री का बयान
ईरान के विदेश मंत्री, सैयद अब्बास अरागची ने शनिवार को कहा कि यदि अमेरिका ईरान के साथ समझौता करना चाहता है, तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनी के प्रति 'अपमानजनक भाषा' को छोड़ देना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ईरान धमकियों और अपमानों को बर्दाश्त नहीं करता और अपनी असली क्षमताओं को उजागर करने में संकोच नहीं करेगा।
ईरान की पहचान और स्वतंत्रता
अरागची ने कहा, 'ईरानियों की जटिलता और दृढ़ता हमारे शानदार कालीनों में प्रसिद्ध है, जो अनगिनत घंटों की मेहनत और धैर्य से बुने गए हैं। लेकिन एक समुदाय के रूप में, हमारी मूल धारणा बहुत सरल है: हम अपनी कीमत जानते हैं, अपनी स्वतंत्रता का मूल्यांकन करते हैं, और कभी भी किसी और को अपनी किस्मत तय करने की अनुमति नहीं देते।' उन्होंने ट्रंप से अपील की कि यदि वह वास्तव में समझौता करना चाहते हैं, तो उन्हें खामेनी के प्रति अपमानजनक और अस्वीकार्य भाषा को छोड़ देना चाहिए।
ईरान की शक्ति का प्रदर्शन
उन्होंने आगे कहा, 'महान और शक्तिशाली ईरानी लोग, जिन्होंने दुनिया को दिखाया कि इजरायली शासन के पास हमारे मिसाइलों से बचने के लिए 'पिता' के पास भागने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, धमकियों और अपमानों को बर्दाश्त नहीं करते। यदि भ्रांतियों के कारण गलतियाँ होती हैं, तो ईरान अपनी असली क्षमताओं को उजागर करने में संकोच नहीं करेगा, जो निश्चित रूप से ईरान की शक्ति के बारे में किसी भी भ्रांति को समाप्त कर देगी।' उन्होंने कहा, 'अच्छा इरादा अच्छा इरादा लाता है, और सम्मान सम्मान लाता है।'
संवाद की संभावना
ईरान के विदेश मंत्री के ये बयान उस समय आए हैं जब अमेरिका ने ईरान के साथ बातचीत के संकेत दिए हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने गुरुवार को कहा कि ट्रंप प्रशासन कूटनीति और शांति पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, और अमेरिका ईरानियों के साथ निकट संपर्क में है। उन्होंने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, 'मैंने इस सुबह हमारे विशेष दूत विटकोफ के साथ लंबी बातचीत की और मैं आपको आश्वस्त कर सकती हूँ कि हम ईरानियों के साथ निकट संपर्क में हैं।'
उन्होंने कहा, 'यह प्रशासन हमेशा कूटनीति और शांति पर केंद्रित है, और हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम एक ऐसे स्थान पर पहुँचें जहाँ ईरान एक गैर-समृद्ध नागरिक परमाणु कार्यक्रम पर सहमत हो।' उनके ये बयान उस समय आए हैं जब अमेरिका ने 'मिडनाइट हैमर' ऑपरेशन के तहत तीन ईरानी परमाणु स्थलों पर सटीक हमले किए थे।