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ईरान की मदद के लिए पाकिस्तान का आभार, लेकिन संबंधों में छिपा खतरा

ईरान के आर्मी प्रमुख जनरल मोसावी ने इजराइल के साथ संघर्ष के बाद पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर का आभार व्यक्त किया है। हालांकि, पाकिस्तान का अमेरिका के साथ पुराना संबंध और ईरान की मदद में उसकी निष्क्रियता इस सहयोग को संदिग्ध बनाती है। क्या यह संबंध भविष्य में पाकिस्तान के लिए खतरा बन सकता है? जानें इस लेख में।
 

ईरान के आर्मी चीफ का पाकिस्तान को धन्यवाद

ईरान के आर्मी प्रमुख जनरल मोसावी ने इजराइल के साथ संघर्ष के बाद उन देशों का आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने ईरान की सहायता की। इस संदर्भ में, उन्होंने पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर से फोन पर बातचीत की और सहयोग के लिए उनका धन्यवाद किया।


पाकिस्तान का अमेरिका से पुराना संबंध

हालांकि ईरान पाकिस्तान को अपना सहयोगी मानता है, लेकिन पाकिस्तान का अमेरिका के साथ पुराना संबंध है। अमेरिका के इशारे पर पाकिस्तान ने कई देशों में आतंकवाद फैलाने का कार्य किया है, जिसे हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्वीकार किया।


ईरान की मदद में पाकिस्तान की निष्क्रियता

ईरान ने पाकिस्तान की मदद नहीं की, केवल बयान जारी किए। दोनों देशों की सीमा लगभग 909 किमी है, लेकिन पाकिस्तान ने न तो ईरान के नागरिकों के लिए अपना बॉर्डर खोला और न ही कोई महत्वपूर्ण सहायता की।


पाकिस्तान के लिए संभावित खतरे

ईरान ने भले ही पाकिस्तान को मददगार माना हो, लेकिन भविष्य में यह संबंध पाकिस्तान के लिए भारी पड़ सकता है। अफगानिस्तान का उदाहरण सामने है, जहां पाकिस्तान ने एक समय पर अपने विश्वसनीय सहयोगी को ही दरकिनार कर दिया है।