ईरान की खुफिया रिपोर्ट ने इजराइल की सुरक्षा को किया चुनौती
ईरान की खुफिया एजेंसी का चौंकाने वाला खुलासा
ईरान की खुफिया एजेंसी ने एक ऐसा खुलासा किया है, जिसने इजराइल की मोसाद और अमेरिका की CIA को हैरान कर दिया है। इस रिपोर्ट में इजराइली F-16 पायलटों की संवेदनशील जानकारी का खुलासा किया गया है, जिससे इजराइल की सुरक्षा प्रणाली की कमजोरियों का पता चलता है.
गुप्त जानकारी का विस्तृत विवरण
रिपोर्ट में यह बताया गया है कि ईरानी एजेंटों ने पायलटों के नाम, उनकी सैन्य इकाई, घर के पते, घरों की सैटेलाइट तस्वीरें और उनके उपकरणों के उपयोग के रिकॉर्ड भी प्राप्त कर लिए हैं। यह जानकारी आमतौर पर इजराइल की कड़ी सुरक्षा द्वारा संरक्षित रहती है.
ईरानी मीडिया की प्रतिक्रिया
ईरानी मीडिया ने इन पायलटों को 'मौत और विनाश के नाविक' करार दिया है, यह बताते हुए कि उनकी पहचान और गतिविधियों की जानकारी अब ईरान के खुफिया नेटवर्क के पास है। यह इजराइल के सैन्य अधिकारियों के लिए एक गंभीर चेतावनी है, जो ईरान के खिलाफ युद्ध में शामिल रहे हैं.
पायलटों की पहचान
इन पायलटों में मेजर येल ऐश शामिल हैं, जो अपने पति बार प्रिंस के साथ 'बैट स्क्वाड्रन' (स्क्वाड्रन 119) की उप कमांडर हैं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि मेजर ऐश 1973 के योम किप्पुर युद्ध के एक लापता इजराइली पायलट की पोती हैं. उन्होंने पहले इजराइल की सुरक्षा बहाल करने का वादा किया था, लेकिन अब उनकी सुरक्षा भी खतरे में है.
इजराइल की सुरक्षा में बदलाव
ईरानी मीडिया के अनुसार, इस रिपोर्ट के प्रकाश में आने के बाद इजराइल सरकार ने पायलटों की सुरक्षा के लिए उन्हें स्कूलों और नागरिक भवनों में स्थानांतरित कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि पायलटों की पूरी जानकारी—जैसे नाम, अड्डे, पिछले मिशन और गतिविधियों का ज्ञान ईरान को लाभ पहुंचा सकता है, यदि इजराइल फिर से हमला करता है.
संघर्ष का इतिहास
यह संघर्ष 13 जून को शुरू हुआ, जब इजराइल ने ईरानी ठिकानों पर हमला किया और कई उच्च स्तर के ईरानी सैन्य अधिकारियों को मार डाला। इसके जवाब में, ईरान ने इजराइली सैन्य और औद्योगिक स्थलों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिनमें कई नागरिक क्षेत्रों को भी निशाना बनाया गया.
युद्ध विराम की स्थिति
24 जून को लड़ाई समाप्त हो गई, लेकिन ईरानी नेताओं ने कहा है कि उन्हें इजराइल के युद्ध विराम के वादों पर भरोसा नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इजराइल फिर से हमला करता है, तो ईरान एक मजबूत जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है.