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ईरान-इजराइल संघर्ष: बढ़ते तनाव और बढ़ती मौतों की संख्या

ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव ने हालात को गंभीर बना दिया है। ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइल के हमलों में 224 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। वहीं, इजराइल में भी कई लोग घायल हुए हैं। नवीनतम हमले में 12 लोग घायल हुए हैं, और इजराइल के प्रधानमंत्री ने अपने बेटे की शादी को टाल दिया है। जानें इस संघर्ष के पीछे की वजहें और वर्तमान स्थिति के बारे में।
 

ईरान और इजराइल के बीच बढ़ता तनाव


ईरान और इजराइल के बीच तनाव में लगातार वृद्धि हो रही है, और दोनों देश मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं हैं। इस संघर्ष में मौतों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। ईरान ने ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3 को जारी रखने का निर्णय लिया है, जबकि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमलों को जारी रखने की कसम खाई है। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने भी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है।


ईरान में मौतों का आंकड़ा

महिलाओं और बच्चों समेत 224 लोगों की मौत


ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को जानकारी दी कि इजराइल के हमलों के कारण अब तक 224 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। इसके अलावा, 1,277 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। ईरान का दावा है कि मृतकों और घायलों में 90% से अधिक सामान्य नागरिक हैं।


इजराइल में स्थिति

इजराइल में 390 लोग घायल


इजराइल में स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है, जहां ईरान के हमले में 14 लोग मारे गए हैं और 390 लोग घायल हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने इजराइल पर 270 से अधिक मिसाइलें दागी हैं, जिनमें से कुछ इमारतों पर गिरी हैं, भले ही इजराइल की हवाई सुरक्षा सक्रिय थी। ईरान के खुफिया प्रमुख मोहम्मद काजमी और दो अन्य जनरल भी इस संघर्ष में मारे गए हैं।


नवीनतम हमले और शादी का टलना

आज 12 लोग हुए घायल


सोमवार को ईरान ने फिर से इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया, जिसमें सेंट्रल इजराइल में करीब 12 लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा, हाइफा में भी मिसाइल गिरने की संभावना है। इस स्थिति के कारण इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने बेटे अवनेर नेतन्याहू की शादी को टाल दिया है।


सीजफायर का प्रस्ताव

सीजफायर का प्रस्ताव भी ठुकराया


ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने बताया कि ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आपातकालीन सत्र बुलाने का अनुरोध किया था, लेकिन अमेरिका के हस्तक्षेप के कारण इसे ठुकरा दिया गया।