ईद-उल-अधा 2025: इस त्योहार पर बनाएं ये 7 पारंपरिक व्यंजन
ईद-उल-अधा का महत्व
इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, ईद-उल-अधा मुसलमानों का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे 'बकरीद' के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार विश्वभर में मनाया जाता है, जिसमें भारत भी शामिल है। इस वर्ष, ईद-उल-अधा 7 जून को मनाई जाएगी।
त्योहार का जश्न
यह त्योहार खुशी और एकता का प्रतीक है। लोग इस अवसर पर अपने घरों को सजाते हैं, अपने प्रियजनों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और पारंपरिक व्यंजनों जैसे निहारी, शीर खुरमा, कबाब, बिरयानी आदि बनाते हैं।
इन 7 खास व्यंजनों से मनाएं ईद-उल-अधा
शीर खुरमा - यह एक मीठा वर्मिसेली पुडिंग है, जिसमें मेवे, दूध, खजूर और इलायची जैसे सामग्री शामिल होते हैं। इस स्वादिष्ट व्यंजन का आनंद लें।
बिरयानी - यह मुसलमानों का एक सुगंधित और पारंपरिक व्यंजन है, जिसे रायता के साथ परोसा जा सकता है।
कबाब - कबाब ग्रिल या स्क्यूर्ड मांस होते हैं, जिन्हें ताजे दही और सुगंधित मसालों के साथ मैरिनेट किया जाता है। इसे मुख्य व्यंजन या ऐपेटाइज़र के रूप में परोसा जा सकता है।
मटन कोरमा - यह एक सुगंधित और मसालेदार क्रीमी डिश है, जिसमें मटन, मेवे, मसाले और दही का उपयोग होता है। इसे धनिया से सजाकर गर्मागर्म परोसें।
भुना हुआ बकरा या मेमना - यह पूरा बकरा या मेमना, जो इस त्योहार में 'कुर्बानी' का प्रतीक है, पहले साफ किया जाता है और फिर सुगंधित मसालों के साथ मैरिनेट किया जाता है।
समोसा - समोसे तले हुए छोटे त्रिकोणीय पेस्ट्री होते हैं, जो मसालेदार सब्जियों और मेवों से भरे होते हैं। इन्हें स्टार्टर या स्नैक्स के रूप में परोसा जाता है।
निहारी - निहारी एक समृद्ध और पारंपरिक मुसलमानों का व्यंजन है। इसे रात भर धीमी आंच पर पकाया जाता है, ताकि इसका स्वाद और भी बढ़ जाए।