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ईडी ने शिल्पी केबल्स टेक्नोलॉजीज पर छापेमारी की, 988 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिल्पी केबल्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के खिलाफ एक बड़े तलाशी अभियान का संचालन किया है, जिसमें 988 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला शामिल है। यह कार्रवाई दिल्ली-एनसीआर और पंजाब में की गई, जहां कई स्थानों पर छापेमारी की गई। आरोप है कि कंपनी के प्रमोटरों ने बैंक से लिए गए लोन को फर्जी लेनदेन के जरिए विदेश भेजा। ईडी इस मामले में कंपनी के प्रबंध निदेशक की भूमिका की भी जांच कर रही है।
 

प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 24 जून को देश के विभिन्न स्थानों पर एक व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया। यह कार्रवाई शिल्पी केबल्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (एससीटीएल) और उसके प्रमोटरों के खिलाफ चल रही जांच का हिस्सा है।


सूत्रों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में 9 स्थानों और पंजाब के लुधियाना में 1 स्थान पर तलाशी ली गई। यह मामला आईडीबीआई बैंक लिमिटेड और अन्य कंसोर्टियम बैंकों के खिलाफ लगभग ₹988 करोड़ की धोखाधड़ी से संबंधित है। आरोप है कि एससीटीएल के प्रमोटरों और उनके सहयोगियों ने बैंक से लिए गए लोन और डेवलपिंग एलसी की रकम को फर्जी ट्रांजैक्शन के जरिए विदेश भेज दिया।


धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत कार्रवाई

सूत्रों ने बताया कि शिल्पी केबल्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (एसीटीएल) के प्रवर्तकों और कुछ संबद्ध संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दिल्ली-एनसीआर में नौ परिसरों और जालंधर में एक परिसर पर छापेमारी की जा रही है।


यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी से सामने आया है, जिसमें एससीटीएल के प्रवर्तकों और अन्य सहयोगियों पर आईडीबीआई बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के एक संघ से 988 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है।


फर्जी लेनदेन की जांच

ईडी को संदेह है कि एलएससी (लेटर्स ऑफ क्रेडिट) का उपयोग करके बैंकों से प्राप्त धन का एक बड़ा हिस्सा फर्जी लेनदेन के माध्यम से विदेशों में स्थानांतरित किया गया। एजेंसी कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) मनीष गोयल की भूमिका की भी जांच कर रही है।