ईडी ने बच्चों की मौत से जुड़े कफ सिरप निर्माता पर छापे मारे
प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले कफ सिरप कोल्ड्रिफ के निर्माता श्रीसन फार्मास्युटिकल्स और तमिलनाडु के खाद्य एवं औषधि प्रशासन के उच्च अधिकारियों के परिसरों पर छापे मारे।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत चेन्नई में कम से कम सात स्थानों पर की गई।
संघीय जांच एजेंसी ने मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के खिलाफ दर्ज पुलिस शिकायतों के आधार पर आपराधिक मामला दर्ज किया।
बच्चों की मौत का मामला
कोल्ड्रिफ के सेवन के बाद मध्य प्रदेश और राजस्थान में कम से कम 22 बच्चों की मौत हो गई, जिनमें से अधिकांश की उम्र पांच वर्ष से कम थी।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने बताया कि तमिलनाडु खाद्य एवं औषधि प्रशासन (टीएनएफडीए) से 2011 में लाइसेंस प्राप्त श्रीसन फार्मा ने खराब बुनियादी ढांचे और राष्ट्रीय औषधि सुरक्षा नियमों के उल्लंघनों के बावजूद एक दशक से अधिक समय तक काम किया।
खतरनाक मिलावट और गिरफ्तारी
कफ सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) नामक अत्यधिक जहरीले पदार्थ की खतरनाक मात्रा पाई गई।
श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक जी रंगनाथन को मध्य प्रदेश पुलिस ने 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया।
सरकारी कार्रवाई
बच्चों की मौत के बाद, मध्य प्रदेश सरकार ने दो औषधि निरीक्षकों और एफडीए के एक उप निदेशक को निलंबित कर दिया।
राज्य के औषधि नियंत्रक का तबादला किया गया और मौतों की जांच के आदेश दिए गए। पुलिस ने लापरवाही के आरोप में छिंदवाड़ा के एक चिकित्सक को भी गिरफ्तार किया।
तमिलनाडु सरकार ने भी दो वरिष्ठ राज्य औषधि निरीक्षकों को निलंबित किया और श्रीसन फार्मास्युटिकल्स को बंद करने का आदेश दिया।