ईडी ने ठगी के शिकार लोगों को लौटाई 20.16 करोड़ की संपत्ति
प्रवर्तन निदेशालय की बड़ी कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में ठगी के शिकार व्यक्तियों को उनकी संपत्ति लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बेंगलुरु जोनल ऑफिस द्वारा 20.16 करोड़ रुपये की संपत्ति असली हकदारों को वापस की जाएगी। यह मामला एम/एस इंजाज इंटरनेशनल और अन्य से संबंधित है।
सूत्रों के अनुसार, ईडी ने यह जांच येलहंका के तहसीलदार कार्यालय से मिली शिकायत और 7 सितंबर 2018 को दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। यह एफआईआर विल्सन गार्डन पुलिस थाने में दर्ज की गई थी। इस मामले में इंजाज इंटरनेशनल और उससे जुड़े व्यक्तियों पर चिट फंड और मनी सर्कुलेशन स्कीम चलाने के आरोप हैं। वर्तमान में, यह मामला सीआईडी, बेंगलुरु की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा जांच में है.
लोगों से करोड़ों की ठगी
जांच में पता चला कि इंजाज इंटरनेशनल नामक फर्म ने चिट फंड के माध्यम से लोगों से करोड़ों रुपये इकट्ठा किए और उन पैसों का उपयोग संपत्ति खरीदने और व्यक्तिगत खर्चों में किया। इस प्रकार, फर्म ने लोगों के साथ धोखाधड़ी की। जांच के दौरान, ईडी ने कई संपत्तियों को अटैच किया और बाद में कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया।
संपत्तियों की वापसी की प्रक्रिया
जब असली दावेदारों और पीड़ितों ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 की धारा 8(8) के तहत संपत्ति वापसी के लिए आवेदन किया, तो ईडी ने कोर्ट में कोई आपत्ति नहीं की। प्रिंसिपल सिटी सिविल एंड सेशन जज ने ईडी की सिफारिश को स्वीकार करते हुए आदेश दिया कि अटैच की गई संपत्तियां असली दावेदारों और ठगी के शिकार लोगों को लौटाई जाएं।
इस प्रकार, अब ठगी के शिकार व्यक्तियों को उनकी संपत्ति वापस मिलने जा रही है, जो उनके लिए एक बड़ी राहत की खबर है। ईडी ने संपत्तियों की वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्द ही 20.16 करोड़ रुपये की संपत्तियां उनके असली हकदारों को लौटा दी जाएंगी.