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ईडी ने अल फलाह ट्रस्ट के चेयरमैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई दिल्ली और फरीदाबाद में छापेमारी के बाद की गई, जहां जवाद पर ट्रस्ट के फंड को परिवार की कंपनियों में स्थानांतरित करने का आरोप है। जांच दो एफआईआर पर आधारित है, जिसमें यूनिवर्सिटी द्वारा झूठे दावों का आरोप लगाया गया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और ईडी की कार्रवाई के पीछे की कहानी।
 

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी


अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जवाद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई दिल्ली और फरीदाबाद में छापेमारी के बाद की गई। जवाद पर आरोप है कि उसने ट्रस्ट के फंड को अपने परिवार की कंपनियों में स्थानांतरित किया। यह जांच दिल्ली पुलिस की एफआईआर पर आधारित है, जिसमें यूनिवर्सिटी द्वारा झूठे दावों का आरोप लगाया गया है।

ईडी ने जवाद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया है। पिछले 16 घंटे तक जामिया नगर में स्थित अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के दफ्तर में छापेमारी चलती रही। ईडी ने अल-फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद और उनके भाई को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हिरासत में लिया।

जांच दो एफआईआर के आधार पर शुरू हुई थी, जिसमें आरोप है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी ने झूठा दावा किया कि उसे NAAC से उच्च रेटिंग प्राप्त हुई है, जिससे छात्रों और अभिभावकों को गुमराह किया गया। यूनिवर्सिटी ने UGC की धारा 12(B) के तहत मान्यता पाने का भी झूठा दावा किया, जबकि UGC ने स्पष्ट किया कि यूनिवर्सिटी केवल धारा 2(f) के तहत एक स्टेट प्राइवेट यूनिवर्सिटी के रूप में मान्यता प्राप्त है।

जवाद का ट्रस्ट पर नियंत्रण अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट, जिसकी स्थापना 1995 में हुई, जवाद अहमद सिद्दीकी के नियंत्रण में है। यह ट्रस्ट यूनिवर्सिटी, विभिन्न कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों का संचालन करता है। सूत्रों के अनुसार, 1990 के दशक से अल फलाह समूह का तेजी से विस्तार हुआ, लेकिन इसकी वित्तीय स्थिति उस पैमाने को समर्थन नहीं देती।

19 स्थानों पर छापे और बरामदगी ईडी ने दिल्ली और फरीदाबाद में 19 स्थानों पर तलाशी ली। जांच में पता चला कि ट्रस्ट के माध्यम से कई करोड़ रुपये की अवैध कमाई की गई। ये धनराशि परिवार की कंपनियों में स्थानांतरित की गई। तलाशी के दौरान 48 लाख रुपये नकद, कई डिजिटल उपकरण और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए। जवाद सिद्दीकी पर फंड डायवर्जन का आरोप है। सूत्रों का कहना है कि जवाद ने ट्रस्ट को पूरी तरह से नियंत्रित किया और फंड डायवर्जन के माध्यम से परिवार की फर्मों को अवैध भुगतान किया।

जवाद का दुबई में रहना सूत्रों के अनुसार, जवाद अहमद सिद्दीकी अब तक दुबई में थे। दिल्ली पुलिस द्वारा नोटिस मिलने के बाद, वह सोमवार रात को लौटे। उनके लौटने के तुरंत बाद, ईडी की टीम ने जामिया नगर में उनके आवास और दफ्तर, उनके भाई सऊद अहमद सिद्दीकी के फ्लैट, और शाहीनबाग में चार स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। शाहीनबाग में कई स्थानों पर जांच चलती रही, जिससे स्थानीय निवासी और बच्चे चिंतित नजर आए।