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ईडी ने 650 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी घोटाले में छापेमारी की

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 650 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) मामले में कई राज्यों में छापेमारी की। यह कार्रवाई संदिग्ध कंपनियों द्वारा बिना वास्तविक आपूर्ति के फर्जी चालान के माध्यम से आईटीसी का लाभ उठाने के आरोपों के आधार पर की गई। अधिकारियों का कहना है कि इस अभियान का उद्देश्य घोटाले के पीछे के नेटवर्क का पता लगाना और अंतिम लाभार्थियों की पहचान करना है। पिछले महीने भी इसी तरह के एक बड़े घोटाले की जांच की गई थी।
 

प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को लगभग 650 करोड़ रुपये के एक बड़े फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) मामले में अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, तमिलनाडु और तेलंगाना में कई स्थानों पर तलाशी अभियान आरंभ किया। अधिकारियों के अनुसार, यह अभियान कुछ विशेष सूचनाओं के आधार पर तड़के शुरू किया गया। ईडी के अधिकारियों ने संदिग्धों के परिसरों पर छापे मारे। गुवाहाटी स्थित ईडी की टीम ने राज्य पुलिस बलों के सहयोग से यह कार्रवाई की।


फर्जी आईटीसी से जुड़ा मामला

यह मामला उन कंपनियों से संबंधित है जो बिना वास्तविक वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति के फर्जी चालान के माध्यम से आईटीसी का लाभ उठाने में संलिप्त हैं। ऐसे धोखाधड़ी वाले दावे न केवल सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि अक्सर मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जी कंपनी संचालन से भी जुड़े होते हैं। ईडी की तलाशी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारियों द्वारा साझा की गई जानकारी के आधार पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई।


फर्जी आईटीसी घोटाले की बढ़ती चिंता

हाल के वर्षों में, कर प्रवर्तन एजेंसियों के लिए फर्जी आईटीसी घोटाले एक गंभीर चिंता का विषय बन गए हैं। कई मामलों में, धोखेबाजों ने अवैध रूप से कर क्रेडिट पास करने के लिए फर्जी कंपनियों का निर्माण किया, जिससे फर्जी लेनदेन की एक समानांतर श्रृंखला बन गई। अधिकारियों ने बताया कि इस कार्रवाई का उद्देश्य घोटाले के पीछे के नेटवर्क का पता लगाना और अंतिम लाभार्थियों की पहचान करना है। पिछले महीने, संघीय एजेंसी ने 750 करोड़ रुपये के एक अन्य फर्जी आईटीसी घोटाले की जांच के तहत झारखंड, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में 12 स्थानों पर छापेमारी की थी। यह मामला फर्जी आईटीसी का दावा करने और उसे वैध बनाने के लिए फर्जी कंपनियों और अनधिकृत वित्तीय चैनलों से जुड़े एक धोखाधड़ी नेटवर्क से संबंधित था।