इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आजम खान को डूंगरपुर मामले में दी जमानत
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को डूंगरपुर मामले में जमानत दी है। न्यायमूर्ति समीर जैन की पीठ ने 12 अगस्त को सुनवाई के बाद यह निर्णय लिया। आजम खान ने 10 साल की सजा के खिलाफ अपील की थी, जिसे उन्होंने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। इस मामले में ठेकेदार बरकत अली को भी जमानत मिली है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की कहानी।
Sep 10, 2025, 16:00 IST
आजम खान को मिली जमानत
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को रामपुर के डूंगरपुर मामले में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को जमानत प्रदान की। न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने 12 अगस्त को सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रखा था। आजम खान ने रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा दिए गए 10 साल के कारावास के खिलाफ उच्च न्यायालय में आपराधिक अपील दायर की थी।
संबंधित अपीलें
इस मामले में ठेकेदार बरकत अली ने भी सजा के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील की है। दोनों ने जमानत की मांग की थी, जो अब उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकार कर ली गई है। बरकत अली को भी जमानत मिल चुकी है। दोनों की आपराधिक अपीलों पर उच्च न्यायालय में एक साथ सुनवाई चल रही है। 30 मई, 2024 को रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को 10 साल की सजा सुनाई थी, जिसे उन्होंने चुनौती दी थी। इस मामले में बरकत अली को 7 साल की सजा दी गई थी।
डूंगरपुर मामले का विवरण
डूंगरपुर मामले में, अबरार नामक व्यक्ति ने अगस्त 2019 में रामपुर के थाना गंज में आजम खान, सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खान और ठेकेदार बरकत अली के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। अबरार ने आरोप लगाया था कि दिसंबर 2016 में इन लोगों ने उनके घर में तोड़फोड़ की और जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद उनके घर को ध्वस्त कर दिया गया था। तीन साल बाद, 2019 में अबरार ने मामला दर्ज कराया।