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इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए प्रभावी आयुर्वेदिक चूर्ण

इस लेख में हम आपको एक विशेष आयुर्वेदिक चूर्ण के बारे में बताएंगे, जो आपके इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करने में मदद करेगा। जानें इसके बनाने की विधि, आवश्यक सामग्री और सेवन करने का सही तरीका। इसके अलावा, अन्य उपयोगी आयुर्वेदिक चूर्णों की जानकारी भी दी गई है, जो आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकते हैं।
 

कमजोर इम्यूनिटी से बचें

आपने देखा होगा कि सर्दी, खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं अक्सर उन लोगों को होती हैं जिनका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होता है। ऐसे लोग अक्सर बीमारियों का शिकार होते रहते हैं।


इम्यूनिटी को मजबूत करने के उपाय

यदि आप दवाइयों का सेवन करते हैं, तो यह जरूरी नहीं कि आपको फायदा हो। बेहतर होगा कि आप अपने इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करें। जब आपका इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होगा, तो आप सर्दी, खांसी और जुकाम जैसी समस्याओं को भूल जाएंगे। इसके अलावा, यह आपको कई अन्य बीमारियों से भी बचाएगा।


आयुर्वेदिक चूर्ण का परिचय

आज हम आपको एक विशेष चूर्ण के बारे में बताएंगे, जो आपके इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करने में मदद करेगा। यह चूर्ण लगभग 25 प्रकार के आयुर्वेदिक चूर्णों में से एक है, जो आयुर्वेदिक स्टोर पर उपलब्ध हैं।


चूर्ण बनाने के लिए आवश्यक सामग्री

पुनर्नवा – 50 ग्राम


हल्दी – 30 ग्राम


गिलोय पाउडर – 50 ग्राम


नीम के पत्ते – 30 ग्राम


चूर्ण बनाने की विधि

हल्दी और नीम के पत्ते आपको घर पर मिल जाएंगे, लेकिन गिलोय पाउडर और पुनर्नवा आपको बाजार से खरीदने होंगे। इन सभी सामग्रियों को अच्छे से मिलाकर मिक्सी या कूटने वाले पत्थर पर पीस लें। इसके बाद, इस चूर्ण को एक कांच के जार में भरकर सुरक्षित रखें।


चूर्ण का सेवन कैसे करें

सुबह खाली पेट, खाने से पहले एक चम्मच चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लें। इस चूर्ण का सेवन दिन में केवल एक बार करें। इसके नियमित सेवन से आपके शरीर में सकारात्मक बदलाव आएगा, और यह कई बीमारियों से भी बचाएगा।


अन्य उपयोगी आयुर्वेदिक चूर्ण

आयुर्वेद में कई महत्वपूर्ण चूर्ण हैं, जिन्हें आपातकाल में उपयोगी माना जाता है।


अश्वगन्धादि चूर्ण: यह दिमाग की कमजोरी और शारीरिक ताकत को बढ़ाता है। मात्रा: 5 से 10 ग्राम दूध के साथ।


अविपित्तकर चूर्ण: यह अम्लपित्त की सर्वोत्तम दवा है। मात्रा: 3 से 6 ग्राम पानी के साथ।


आमलकी रसायन चूर्ण: यह पौष्टिक और पित्त नाशक है। मात्रा: 3 ग्राम पानी के साथ।


जातिफलादि चूर्ण: यह पेट की समस्याओं को दूर करता है। मात्रा: 1.5 से 3 ग्राम शहद के साथ।


दाडिमाष्टक चूर्ण: यह अजीर्ण और अग्निमांद्य में लाभकारी है। मात्रा: 3 से 5 ग्राम भोजन के बाद।


चूर्णों का सेवन करने का तरीका

इन चूर्णों का सेवन करने से पहले अपने नजदीकी आयुर्वेदाचार्य से परामर्श अवश्य लें।