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इनकम टैक्स रेड: जानें क्या है और क्यों होती है

इस लेख में हम इनकम टैक्स रेड के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। जानें कि यह क्या होती है, इसके पीछे के कारण, और रेड के दौरान आपके अधिकार क्या हैं। यह जानकारी आपको इनकम टैक्स विभाग की कार्यप्रणाली को समझने में मदद करेगी।
 

इनकम टैक्स रेड का परिचय


इनकम टैक्स विभाग की छापेमारी से जुड़ी खबरें अक्सर सुनने को मिलती हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि इनकम टैक्स रेड वास्तव में क्या होती है। इसके अलावा, यह भी जानना आवश्यक है कि ये रेड कब, क्यों और कैसे होती हैं। आइए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं।


इनकम टैक्स रेड क्या है?

इनकम टैक्स रेड आयकर अधिनियम की धारा 132 के तहत की जाती है। इस धारा के अंतर्गत, अधिकारी किसी भी व्यक्ति के व्यवसाय या निवास पर छापे मार सकते हैं। रेड का समय पूरी तरह से विभाग के अधिकारियों पर निर्भर करता है। यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है, तो अधिकारियों के पास जब्ती करने का अधिकार भी होता है।


इनकम टैक्स रेड के कारण

वित्त मंत्रालय के नियमों के अनुसार, आयकर विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियां उन व्यक्तियों पर नजर रखती हैं जो टैक्स का भुगतान नहीं करते हैं। कई बार, इन एजेंसियों को सूचनाएं मिलती हैं कि कोई व्यक्ति टैक्स चोरी कर रहा है या काला धन जमा कर रहा है। ऐसे मामलों में, विभाग उचित समय पर रेड मारता है।


इनकम टैक्स रेड कैसे होती है?

इनकम टैक्स विभाग की कोशिश होती है कि छापा ऐसे समय पर मारा जाए जब आरोपी को इसकी भनक न लगे। आमतौर पर, ये रेड तड़के या देर रात की जाती हैं ताकि आरोपी को संभलने का मौका न मिले।


छापे के दौरान अधिकारियों के अधिकार

छापे के दौरान, अधिकारियों के पास वारंट होता है। आयकर अधिकारियों के साथ पुलिस बल भी मौजूद होता है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। रेड 2-3 दिनों तक चल सकती है, और इस दौरान घर या दफ्तर में मौजूद लोग बिना अनुमति के बाहर नहीं जा सकते।


आपके अधिकार छापे के दौरान

आप अधिकारियों से वारंट देखने का अधिकार रखते हैं। यदि छापे में महिलाएं शामिल हैं, तो केवल महिला अधिकारी ही महिलाओं की तलाशी ले सकती हैं। इसके अलावा, आयकर अधिकारी आपको बच्चों को स्कूल भेजने या खाना खाने से नहीं रोक सकते।


धारा 133ए के तहत सर्वे

इनकम टैक्स सर्वे को धारा 133ए के तहत किया जाता है, जो केवल व्यवसायिक स्थानों पर किया जा सकता है। इस दौरान कोई भी जब्ती नहीं की जा सकती और न ही पुलिस की मदद ली जा सकती है।