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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बढ़ाई आईटीआर फाइलिंग की डेडलाइन

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए कंपनियों और ऑडिट की आवश्यकता वाले करदाताओं के लिए आईटीआर फाइलिंग की डेडलाइन को बढ़ाकर 10 दिसंबर कर दिया है। यह निर्णय उद्योग जगत की मांग और प्राकृतिक आपदाओं के कारण व्यापारिक गतिविधियों में आई रुकावटों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। जानें इस बदलाव के पीछे के कारण और इससे प्रभावित करदाताओं के लिए क्या नई समयसीमा निर्धारित की गई है।
 

आईटीआर फाइलिंग में मिली राहत

बुधवार को, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए कंपनियों और ऑडिट की आवश्यकता वाले करदाताओं को महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है। विभाग ने इन करदाताओं के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 10 दिसंबर कर दिया है। सामान्यतः, इन करदाताओं के लिए आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा 31 अक्टूबर होती है।


सीबीडीटी का आधिकारिक बयान

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आईटीआर दाखिल करने की तिथि को 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 10 दिसंबर, 2025 कर दिया गया है। इसके साथ ही, इन करदाताओं के लिए ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि भी 10 नवंबर निर्धारित की गई है। इनकम टैक्स अधिनियम के अनुसार, ऑडिट की आवश्यकता वाली कंपनियों, साझेदारी फर्मों और प्रोप्राइटरशिप यूनिट्स को 31 अक्टूबर तक रिटर्न दाखिल करना होता है। वहीं, व्यक्तिगत करदाताओं और हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) के लिए यह समयसीमा 31 जुलाई होती है।


डेडलाइन बढ़ाने का कारण

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने डेडलाइन बढ़ाने का निर्णय उद्योग जगत की मांग और प्राकृतिक आपदाओं तथा बाढ़ से प्रभावित राज्यों में व्यापारिक गतिविधियों में आई रुकावटों को ध्यान में रखते हुए लिया है। इससे पहले, विभाग ने 25 सितंबर को ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की समयसीमा को एक महीने बढ़ाकर 31 अक्टूबर किया था, जिसे अब बढ़ाकर 10 नवंबर कर दिया गया है। आकलन वर्ष 2025-26 के लिए व्यक्तिगत करदाताओं के आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि भी इस वर्ष 31 जुलाई से बढ़ाकर 16 सितंबर कर दी गई थी। इस दौरान 7.54 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल किए गए, जिनमें से 1.28 करोड़ करदाताओं ने स्वयं मूल्यांकन कर का भुगतान किया।