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इटली में बुर्का और नकाब पर प्रतिबंध: जॉर्जिया मेलोनी का नया कानून

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने अपने देश में बुर्का और नकाब पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। यह कदम इस्लामिक कट्टरपंथ पर नियंत्रण के लिए उठाया गया है। प्रस्तावित विधेयक के तहत, सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने वाले कपड़े पहनने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। जानें इस कानून के पीछे की सोच और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

इटली में बुर्का और नकाब पर प्रतिबंध का ऐलान

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, जो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी मित्र मानी जाती हैं, ने अपने देश में बुर्का और नकाब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। बुधवार को इटली की सरकार ने संसद में एक ऐसा विधेयक प्रस्तुत किया, जिसके तहत पूरे देश में चेहरा ढकने वाले कपड़ों पर रोक लगाई जाएगी। यदि कोई इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसे भारी जुर्माना देना होगा।


इस्लामिक कट्टरपंथ पर नियंत्रण की योजना

जॉर्जिया मेलोनी की पार्टी 'ब्रदर्स ऑफ इटली' ने इस विधेयक को इस्लामिक कट्टरपंथ से निपटने की रणनीति का एक हिस्सा बताया है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, यदि यह विधेयक पारित होता है, तो इटली में रहने वाली मुस्लिम महिलाएं स्कूल, विश्वविद्यालय, कार्यालय, दुकानों या किसी भी सार्वजनिक स्थान पर बुर्का या नकाब नहीं पहन सकेंगी। मेलोनी का मानना है कि यह कदम देश की सुरक्षा और मूल्यों को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।


धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान, लेकिन नियमों के तहत

इस विधेयक के प्रमुख समर्थकों में से एक, सांसद एंड्रिया डेलमास्त्रो ने सोशल मीडिया पर अपनी राय साझा की। उन्होंने कहा, "धार्मिक स्वतंत्रता हमारे लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे इटली के संविधान और मूल सिद्धांतों का सम्मान करते हुए अपनाना चाहिए।" उनका कहना है कि यह विधेयक न केवल कट्टरपंथ को रोकने में मदद करेगा, बल्कि समाज में एकता को भी बढ़ावा देगा।


उल्लंघन करने पर जुर्माना

प्रस्तावित विधेयक में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि कोई सार्वजनिक स्थान पर चेहरा ढकने वाले कपड़े पहनता है, तो उस पर 300 यूरो (लगभग 30,959 रुपये) से लेकर 3,000 यूरो (लगभग 3,09,588 रुपये) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा, विधेयक में वर्जिनिटी परीक्षण और जबरन विवाह जैसे मुद्दों पर भी कठोर सजा का प्रावधान है। सरकार का कहना है कि ये कदम धार्मिक उग्रवाद और नफरत फैलाने वालों पर नियंत्रण लगाने के लिए उठाए जा रहे हैं।


मस्जिदों की फंडिंग पर कड़ी निगरानी

रिपोर्टों के अनुसार, इस विधेयक में मस्जिदों की फंडिंग पर भी सख्ती बरतने का प्रस्ताव है। यदि कोई मुस्लिम संगठन ऐसे दाताओं से फंड लेता है, जो इटली की स्वतंत्रता और सुरक्षा के खिलाफ विचारधारा का प्रचार करते हैं, तो उस संगठन पर भी भारी जुर्माना लगाया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि देश में ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा न मिले, जो सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाएं।