इंदौर में प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
कार्यक्रम का परिचय
इंदौर, 1 जून 2025 में विश्व पर्यावरण सप्ताह 2025 के तहत जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट में आयोजित तीसरे दिन का कार्यक्रम "प्लास्टिक प्रदूषण खत्म कर स्वच्छ जल सुनिश्चित करने" पर केंद्रित रहा। यह संवाद प्रेरणादायक और जागरूकता से भरपूर था।
कार्यक्रम की संयोजक का संदेश
कार्यक्रम की संयोजक और पद्मश्री से सम्मानित पर्यावरणविद जनक पलटा मगिलिगन ने बताया कि 1992 में ब्राज़ील में हुए पृथ्वी सम्मेलन में भाग लेने के बाद से उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया। उन्होंने कहा कि इंदौर की स्वच्छता में जनभागीदारी से मिली सफलता के बावजूद, प्लास्टिक प्रदूषण आज सभी जीवों के लिए खतरा बन गया है। इस वर्ष उनके ट्रस्ट द्वारा आयोजित 33वें पर्यावरण सप्ताह में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की थीम "प्लास्टिक प्रदूषण खत्म करना" पर गतिविधियाँ हो रही हैं।
विशेष प्रस्तुति
विशेष प्रस्तुति
कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना और शोभा चौधरी के 'पंचम निशाद' संगीत समूह द्वारा प्रस्तुत पर्यावरण गीतों से हुई। "पर्यावरण बचाएं" गीत ने सभी को भावनात्मक रूप से जोड़ दिया।
प्रमुख वक्ता और उनके विचार
- पद्मश्री भालू मोंढे ने प्लास्टिक के स्वास्थ्य पर प्रभाव को उजागर किया। उन्होंने कहा, "पत्तल-दोनों की संस्कृति हमें कैंसर जैसे रोगों से बचा सकती है।"
- पानी विशेषज्ञ सुधिंदर मोहन शर्मा ने जल में नैनोप्लास्टिक कणों की उपस्थिति को गंभीर बताया। उन्होंने कहा, "जब तक हर घर में एक जनक पलटा नहीं होगी, तब तक पर्यावरण शुद्ध और सतत नहीं हो सकता।"
- संभाग आयुक्त दीपक सिंह ने कहा, "जनक दीदी की पहल पर 'प्लास्टिक प्रदूषण खत्म करना' एक प्रेरणादायक अभियान है। हमें अपने बच्चों को आज ही जागरूक बनाना होगा।"
- आईएएस अधिकारी सुधिंदर मोहन शर्मा ने ऋग्वेद के मंत्रों से प्रेरित होकर स्वच्छ जल, वृक्षारोपण और समृद्ध पृथ्वी की दिशा में सामूहिक प्रयासों पर बल दिया।
अन्य प्रमुख वक्तव्य
- श्री उदय भोले ने 'जैविक सेतु' की स्थापना की कहानी साझा की और बताया कि यह मंच प्रदूषण मुक्त जैविक जीवनशैली के लिए समर्पित है।
- जयंती सिक्का ने बताया कि प्लास्टिक के पांच विशाल समुद्री पैच बन चुके हैं, और माइक्रोप्लास्टिक अब गर्भस्थ शिशुओं तक पहुँच चुका है।
कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम का समापन ट्रस्ट के श्री वीरेंद्र गोयल द्वारा आभार ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने एक सशक्त संदेश दिया:
"खुद को बचाओ, पर्यावरण अपने आप बचेगा।"