इंदौर में दूषित पानी से मौतों का मामला: स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई
भागीरथपुरा में पानी से हुई मौतें
मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित भागीरथपुरा में दूषित पानी के कारण अब तक आठ लोगों की मृत्यु की सूचना मिली है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। इस गंभीर स्थिति के बाद, विभाग ने सक्रियता दिखाई है। भागीरथपुरा के 2700 घरों में किए गए सर्वे में 1200 से अधिक लोग बीमार पाए गए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हर घर में कोई न कोई बीमार है। स्थानीय लोग पानी पीने से भी डर रहे हैं।
नगर निगम पर भरोसा नहीं
भागीरथपुरा में नगर निगम द्वारा टैंकरों से पानी की आपूर्ति की गई, लेकिन स्थानीय निवासियों का निगम पर विश्वास नहीं है। अधिकांश लोग आरओ का पानी मंगवाकर पीने के लिए मजबूर हैं।
बीमारी का साया
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि पानी के कारण उनके क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में मौतें होंगी। जिम्मेदारों को सूचित करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस महामारी के कारण पूरे इलाके में सन्नाटा छा गया है।
डॉक्टरों की टीम का सर्वे
स्वास्थ्य विभाग ने भागीरथपुरा की 14 गलियों में हर घर का सर्वे किया। चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ ने आवश्यक उपचार प्रदान किया और गंभीर मरीजों को अस्पताल भेजा गया। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर क्लोरिन, जिंक की दवाइयाँ और ओआरएस के पैकेट बांट रही हैं।
अस्पतालों में भर्ती मरीज
अब तक 111 मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया है, जिनमें से 35 की हालत गंभीर बताई जा रही है। भागीरथपुरा में चार एंबुलेंस तैनात की गई हैं और 14 डॉक्टर हर गली में मौजूद हैं।
प्राथमिक उपचार की जानकारी
सर्वे में 2703 घरों के लगभग 12000 लोगों की जांच की गई, जिसमें 1146 मरीजों को प्राथमिक उपचार दिया गया। 18 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।
अस्पतालों में मरीजों की स्थिति
अस्पतालों में भर्ती मरीजों की स्थिति यह है कि उन्हें बेड पर बाल्टी रखना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें लगातार उल्टी हो रही है। वर्मा अस्पताल में 22 बेड की क्षमता है, लेकिन यहां 35 मरीजों का इलाज चल रहा है। हालांकि, कई मरीज स्वस्थ होकर घर भी लौट चुके हैं।