इंदौर-बुधनी रेल परियोजना का कार्य शुरू, 2030 तक पूरा होने का लक्ष्य
इंदौर में रेल परियोजना का शुभारंभ
इंदौर
इंदौर के मांगलिया क्षेत्र में इंदौर-बुधनी रेल लाइन का निर्माण कार्य आरंभ हो चुका है। इस परियोजना के तहत खेतों और खलिहानों में रेलवे के लिए पुल, अंडरपास और ट्रैक का निर्माण किया जा रहा है। 205 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन के बन जाने से एक हजार से अधिक कस्बे और गांव सीधे रेल नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। हालांकि, यह कार्य निर्धारित समय से काफी पीछे चल रहा है, लेकिन अब इसे 2030 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह मध्य प्रदेश की एक महत्वपूर्ण रेल परियोजना है, जो इंदौर, देवास और सीहोर जिलों को जोड़ती है और इंदौर से जबलपुर की दूरी को कम करेगी। जिन गांवों से यह लाइन गुजरेगी, वहां के किसान पहले इस योजना का विरोध कर रहे थे, जिससे परियोजना की शुरुआत में कई बाधाएं आईं। लेकिन अब अधिकांश गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। इस परियोजना का सबसे अधिक विरोध पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्वाचन क्षेत्र में देखा गया था।
इंदौर-बुधनी रेल परियोजना में हो रहे विलंब का मुद्दा लोकसभा में भी उठाया जा चुका है। इस नई रेल लाइन के निर्माण के लिए 3261.82 करोड़ रुपये की लागत स्वीकृत की गई है। इस बार के रेल बजट में इस परियोजना के लिए सबसे अधिक राशि आवंटित की गई है।
अब तक इस परियोजना पर लगभग 1500 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, जिसमें से अधिकांश राशि मुआवजे के वितरण में लगी है। सांसद शंकर लालवानी के अनुसार, अधिकारियों को निर्माण कार्य को निर्धारित समय में पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं और रेलवे की समीक्षा बैठकों में भी यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया है।
परियोजना के लाभ
– इंदौर से मुंबई और दक्षिण भारत की यात्रा का समय कम होगा।
– भोपाल और इटारसी के व्यस्त मार्ग (घाट सेक्शन बुदनी से बरखेड़ा) को बायपास कर बुधनी को इंदौर से सीधे जोड़ा जाएगा।
– यह रेल लाइन बुधनी के मौजूदा यार्ड से शुरू होकर इंदौर के पास पश्चिम रेलवे के मांगलिया गांव स्टेशन से जुड़ेगी।
– यह रेल लाइन सीहोर, देवास और इंदौर जिलों को जोड़ते हुए किसानों को अपनी उपज बड़े शहरों तक लाने में मदद करेगी।
– यह रेल लाइन नसरुल्लागंज, खातेगांव और कन्नौद जैसे कस्बों और गांवों को भी जोड़ेगी, जहां वर्तमान में कोई रेल संपर्क नहीं है।