इंटर काशी को मिली चैंपियनशिप, लेकिन ट्रॉफी और पुरस्कार की कमी
चैंपियन बनने के बावजूद पुरस्कार का अभाव
जब भी कोई टीम किसी प्रतियोगिता में जीत हासिल करती है, तो उसे ट्रॉफी और पुरस्कार राशि दी जाती है। लेकिन एक टीम के साथ ऐसा हुआ है कि उसने चैंपियनशिप जीती, फिर भी उसे न तो ट्रॉफी मिली और न ही पुरस्कार राशि। यह टीम है इंटर काशी, जिसने आई लीग का खिताब अपने नाम किया। एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद, फेडरेशन ने उन्हें न तो ट्रॉफी दी है और न ही जीत की राशि।
AIFF का निर्णय और पुरस्कार राशि
AIFF ने खेल पंचाट के निर्णय के बाद यह घोषणा की थी कि इंटर काशी आई लीग की चैंपियन है। खेल विवादों को सुलझाने वाली अंतरराष्ट्रीय अदालत को खेल पंचाट कहा जाता है। हालांकि, इंटर काशी को चैंपियन तो बना दिया गया, लेकिन उन्हें न तो ट्रॉफी मिली और न ही एक करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि। टीम इस स्थिति से काफी निराश है और उन्होंने AIFF से इस मामले में अपील की है।
चर्चिल ब्रदर्स की ट्रॉफी वापस नहीं
एक चौंकाने वाली बात यह है कि AIFF ने गोवा के चर्चिल ब्रदर्स क्लब को विजेता घोषित किया था, लेकिन उन्होंने अब तक ट्रॉफी वापस नहीं की है। फुटबॉल फेडरेशन ने बताया कि जब चर्चिल ब्रदर्स को विजेता घोषित किया गया था, तब उन्हें ट्रॉफी दी गई थी, लेकिन अब तक वह ट्रॉफी वापस नहीं आई है।
इंटर काशी के अध्यक्ष की प्रतिक्रिया
इंटर काशी के अध्यक्ष प्रीथिजीत ने कहा, "क्लब का विजेता बनना यूपी के फुटबॉल के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यदि हमें ट्रॉफी मिलती है, तो यह यहां के युवा फुटबॉलरों के लिए एक सकारात्मक संदेश होगा। वाराणसी का क्लब आई लीग का विजेता बनना यूपी के फुटबॉल में बड़ा बदलाव ला सकता है, लेकिन हम अपनी जीत का जश्न नहीं मना पा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि जल्द ही हमें ट्रॉफी मिलेगी और हम इसे सही तरीके से सेलिब्रेट कर सकेंगे।"