×

आसाम और पूर्वोत्तर का विकास: मोदी सरकार की नई दिशा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आसाम और पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास एक नई दिशा में बढ़ रहा है। 2014 से अब तक, क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे, स्वास्थ्य सेवाओं और औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं। नए हवाई अड्डे, रेलवे परियोजनाएँ और जलमार्ग विकास ने आसाम को एक नई पहचान दी है। मोदी सरकार की योजनाओं ने न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया है, बल्कि सांस्कृतिक पहचान को भी सशक्त किया है। यह लेख आसाम के विकास की यात्रा और मोदी सरकार की भूमिका पर प्रकाश डालता है।
 

आसाम का विकास: एक नई कहानी


2014 से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आसाम और पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) की विकास यात्रा में महत्वपूर्ण बदलाव आया है।


इस क्षेत्र को अब भारत की विकास दृष्टि का केंद्र माना जा रहा है, जिसे 'अष्टलक्ष्मी' के रूप में देखा जा रहा है, जो नए भारत का विकास इंजन है।


भौगोलिक चुनौतियों और विविधता को पहले एक बाधा के रूप में देखा जाता था, लेकिन असली समस्या राजनीतिक ध्यान और इरादे की कमी थी।


ऐतिहासिक आंदोलनों से उपजी आकांक्षाएँ वर्षों तक अनदेखी रहीं, जबकि क्षेत्र की आर्थिक और सामरिक क्षमता का सही उपयोग नहीं हुआ।


इस ठहराव को तोड़ने की प्रक्रिया 'परिवर्तन' के रूप में शुरू हुई, जो मोदी के प्रभावशाली नेतृत्व से संभव हुई।


मोदी सरकार का प्रभाव

2016 से भाजपा-नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के गठन के साथ, आसाम ने एक सच्चे डबल-इंजन सरकार का अनुभव किया।


आसाम ने एक नए विकास चक्र में प्रवेश किया, जिसमें कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया गया।


कई प्रमुख परियोजनाओं की नींव रखी गई, जैसे कि गुवाहाटी में AIIMS, लोकाप्रिया गोपीनाथ बोरडोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नया टर्मिनल, स्वahid स्मारक, नुमालिगढ़ बायो-एथेनॉल प्लांट और बटद्रवा थान परियोजना।


इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन ने भाजपा-नेतृत्व वाली एनडीए के विकास दृष्टिकोण को मजबूती दी।


बजट और निवेश में वृद्धि

पूर्वोत्तर के लिए बजटीय आवंटन 2014-15 में 2,332 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 5,900 करोड़ रुपये हो गया है।


2017 से 2023 के बीच 1.35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के बाहरी सहायता वाले परियोजनाओं ने क्षेत्र की सामाजिक और भौतिक अवसंरचना को मजबूत किया है।


इस निरंतर निवेश ने ऐतिहासिक असंतुलनों को ठीक किया और व्यापारिक हितों में विश्वास बहाल किया।


संविधान और परिवहन में सुधार

संविधान में सुधार ने परिवर्तन का सबसे बड़ा उत्प्रेरक साबित हुआ है।


पूर्वोत्तर में रेलवे निवेश पांच गुना बढ़ गया है, जिसमें कुल आवंटन 62,000 करोड़ रुपये से अधिक है।


बोगीबील रेल-कम-रोड पुल और डॉ. भूपेन हजारिका सेतु जैसे इंजीनियरिंग चमत्कारों ने आसाम की लॉजिस्टिक्स परिदृश्य को स्थायी रूप से बदल दिया है।


सड़क अवसंरचना में भी सुधार हुआ है, जिसमें 11,000 किमी से अधिक हाईवे का उन्नयन किया गया है।


हवाई यात्रा में वृद्धि

गुवाहाटी में लोकाप्रिया गोपीनाथ बोरडोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नया टर्मिनल मोदी द्वारा उद्घाटन किया गया।


यह नया टर्मिनल 1.40 लाख वर्ग मीटर में फैला हुआ है, जो पहले के टर्मिनल से लगभग सात गुना बड़ा है।


इससे वार्षिक यात्री क्षमता 3.4 मिलियन से बढ़कर 13 मिलियन हो गई है।


जलमार्गों का विकास

आसाम के जलमार्ग अब भारत के आधुनिक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में शामिल हो रहे हैं।


ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों में गहराई की खुदाई, आधुनिक कार्गो और पर्यटक टर्मिनल का विकास हो रहा है।


इससे परिवहन लागत में कमी आई है और बहु-मोडल कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है।


औद्योगिक विकास

मोदी के नेतृत्व में औद्योगिक विकास ने कनेक्टिविटी का अनुसरण किया है।


नुमालिगढ़ रिफाइनरी का विस्तार 3 से 9 MMTPA तक हुआ है, जिसमें 22,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है।


आसाम में पहले बांस आधारित बायो-रिफाइनरी ने हजारों किसानों को सशक्त किया है।


स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार

AIIMS गुवाहाटी ने क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया है।


नए मेडिकल कॉलेज और कैंसर देखभाल नेटवर्क ने मानव पूंजी को मजबूत किया है।


यह स्वास्थ्य नेटवर्क आसाम को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने का एक अनूठा अवसर देता है।


संस्कृति और पहचान

मोदी ने आसाम की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा दिया है।


आसाम आंदोलन के शहीदों को सम्मानित किया गया है और उनकी याद में स्वahid स्मारक क्षेत्र स्थापित किया गया है।


लचित बरफुकन जैसे प्रतीकों को राष्ट्रीय मान्यता मिली है, जिससे सांस्कृतिक गर्व को बहाल किया गया है।


आसाम का भविष्य

आज, आसाम अधिक जुड़ा हुआ, आत्मविश्वासी और प्रतिस्पर्धी है।


यह मोदी का 'ए' आसाम के लिए है - 'एडवांटेज आसाम' - जो विश्वास, निर्णायक शासन और दीर्घकालिक दृष्टि पर आधारित है।


यह यात्रा एक स्पष्ट दिशा में जारी है: एक मजबूत आसाम, एक मजबूत भारत के केंद्र में।


लेखक का परिचय

Sarbananda Sonowal