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आषाढ़ अमावस्या 2025: पितृ दोष से मुक्ति के लिए करें ये विशेष उपाय

आषाढ़ अमावस्या 2025 में पितृ दोष से मुक्ति के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय किए जा सकते हैं। इस दिन स्नान, दान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। जानें कब है आषाढ़ अमावस्या और इस दिन क्या करना चाहिए ताकि आप अपने पितरों को प्रसन्न कर सकें। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इस दिन विशेष उपाय कर सकते हैं।
 

पितृ दोष के उपाय


हर वर्ष आषाढ़ महीने में आने वाली अमावस्या को दर्श अमावस्या कहा जाता है। इसे अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। यदि आप भी पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो आइए जानते हैं आषाढ़ अमावस्या पर कौन से उपाय किए जा सकते हैं।


आषाढ़ अमावस्या कब है 2025 में?

वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 24 जून को सुबह 6:59 मिनट से आरंभ होगी और इसका समापन 25 जून को दोपहर 4 बजे होगा। इस प्रकार, उदया तिथि के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या 25 जून को मनाई जाएगी।


आषाढ़ अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए?

आषाढ़ अमावस्या पर स्नान, दान और पूजा-पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन की कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है।


स्नान और तर्पण: इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। यदि यह संभव न हो, तो घर पर गंगाजल डालकर स्नान करें। पितरों के लिए तर्पण (जल और काले तिल अर्पित करना) करें।


पिंडदान: अमावस्या के दिन पितरों के लिए पिंडदान करना बहुत शुभ होता है, जिससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।


दान: इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े या धन का दान करना भी शुभ माना जाता है।


पितृ स्तोत्र का पाठ: आषाढ़ अमावस्या पर पितृ स्तोत्र (जैसे पितृ सूक्त) का पाठ करने से पितृ दोष कम होता है।


पीपल के पेड़ की पूजा: इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना और जल चढ़ाना पितरों को प्रसन्न करता है।


पशु-पक्षियों को भोजन: गाय, कुत्ते, कौवे और चींटियों को भोजन कराने से भी पितृ दोष दूर होता है।


पितृ दोष निवारण यज्ञ: यदि पितृ दोष अधिक है, तो किसी योग्य पंडित से यज्ञ करवाना चाहिए।


पितृ दोष के लिए दान: आषाढ़ अमावस्या पर अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार पितरों के नाम पर धन का दान करना चाहिए।