आर्थराइटिस: लक्षण, कारण और बचाव के उपाय
आर्थराइटिस की समझ
आर्थराइटिस की बीमारीImage Credit source: Getty Images
आर्थराइटिस एक स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न होती है। यह केवल वृद्ध लोगों में ही नहीं, बल्कि किसी भी उम्र के व्यक्तियों में हो सकती है। आर्थराइटिस के कई प्रकार होते हैं, जिनमें ओस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटॉयड आर्थराइटिस सबसे आम हैं। ओस्टियोआर्थराइटिस में जोड़ों के कार्टिलेज घिसने लगते हैं, जिससे दर्द और अकड़न होती है। वहीं, रूमेटॉयड आर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून स्थिति है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही जोड़ों पर हमला करता है, जिससे सूजन और दर्द उत्पन्न होता है। इसके अलावा, गाउट और जैवफ्लेमेटरी आर्थराइटिस भी अन्य प्रकार हैं। समय पर पहचान और उपचार आवश्यक है।
आर्थराइटिस के लक्षण
आर्थराइटिस के प्रमुख लक्षणों में जोड़ों में दर्द, सूजन, लालिमा, गर्माहट और अकड़न शामिल हैं। प्रारंभिक चरण में हल्का दर्द और सुबह उठने पर जोड़ों में जकड़न महसूस हो सकती है। जैसे-जैसे स्थिति बिगड़ती है, जोड़ों को चलाने में कठिनाई, मांसपेशियों की कमजोरी और थकान जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। आमतौर पर घुटने, कूल्हे, कलाई और उंगलियों के जोड़ों पर इसका प्रभाव पड़ता है। लंबे समय तक सूजन रहने पर जोड़ों की हड्डियां और कार्टिलेज भी प्रभावित हो सकते हैं। समय पर उपचार और जीवनशैली में बदलाव से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है.
आर्थराइटिस के कारण
आर्थराइटिस क्यों होता है?
डॉ. अखिलेश यादव के अनुसार, आर्थराइटिस के कई कारण हो सकते हैं। इनमें उम्र बढ़ना, जोड़ पर अधिक दबाव, चोट, आनुवंशिक कारक और ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया शामिल हैं। महिलाओं में रूमेटॉयड आर्थराइटिस का खतरा पुरुषों की तुलना में अधिक होता है। ओस्टियोआर्थराइटिस आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में देखा जाता है।
अधिक वजन और शारीरिक गतिविधि भी जोड़ पर दबाव बढ़ाकर इस बीमारी को बढ़ा सकती है। चोट या बार-बार जोड़ पर दबाव डालने वाले खेल और कार्य जैसे भारी वजन उठाना भी जोखिम को बढ़ाते हैं। इसके अलावा, धूम्रपान, खराब आहार और लंबे समय तक चलने वाली सूजन भी आर्थराइटिस के खतरे को बढ़ा सकती हैं। समय पर पहचान और सावधानी से जोड़ की सुरक्षा की जा सकती है.
आर्थराइटिस से बचाव के उपाय
कैसे करें बचाव
नियमित हल्की एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग करें, जिससे जोड़ों की मजबूती बनी रहे।
स्वस्थ आहार लें, जिसमें कैल्शियम और विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ शामिल हों।
अधिक वजन से बचें, क्योंकि यह जोड़ों पर दबाव बढ़ाता है।
लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने या खड़े रहने से बचें।
धूम्रपान और शराब से दूर रहें।
अगर जोड़ों में दर्द या सूजन हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.