आरबीआई ने लॉन्च किया ऑफलाइन डिजिटल रुपया: जानें इसके फायदे और उपयोग
आरबीआई का नया कदम: ऑफलाइन डिजिटल रुपया
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में ‘ऑफलाइन डिजिटल रुपया’ पेश किया है। इस नई प्रणाली के माध्यम से उपयोगकर्ता अब बिना इंटरनेट या मोबाइल नेटवर्क के भी डिजिटल भुगतान कर सकेंगे। इसे कैश की तरह खर्च किया जा सकता है, जिसके लिए केवल QR कोड स्कैन करना या एक टैप करना होगा। इसे भारतीय रुपये का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण माना जा सकता है, जिसे उपयोगकर्ता डिजिटल वॉलेट में सुरक्षित रख सकते हैं और बिना इंटरनेट के खर्च कर सकते हैं। आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
डिजिटल रुपया क्या है?
डिजिटल रुपया, जिसे e₹ भी कहा जाता है, भारत की केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा है। इसे भारत की मुद्रा का डिजिटल रूप कहा जा सकता है। आरबीआई ने इसे ‘कैश, लेकिन डिजिटल’ के टैगलाइन के साथ पेश किया है। इसे डिजिटल वॉलेट में उसी तरह रखा जा सकता है जैसे आप अपने पर्स में नकद रखते हैं। वर्तमान में, देश में 15 बैंक इस प्रकार के डिजिटल वॉलेट की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।
ऑफलाइन फीचर का कार्यप्रणाली
डिजिटल रुपये का ऑफलाइन फीचर उन स्थानों पर कार्य करेगा जहां इंटरनेट की कनेक्टिविटी कमजोर या अनुपलब्ध है। यह विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के लिए लाभकारी है। आरबीआई कई ऑफलाइन समाधान का परीक्षण कर रहा है ताकि लोग डिजिटल रुपये का अधिकतम उपयोग कर सकें। इस फीचर के लिए इंटरनेट की आवश्यकता नहीं है, लेकिन मोबाइल में सिग्नल होना आवश्यक है। यह NFC (Near Field Communication) तकनीक का उपयोग करके भुगतान को पूरा करता है। उपयोगकर्ता को अपने फोन में वॉलेट खोलकर, भुगतान की राशि चुनकर, दुकानदार की मशीन पर फोन टैप करना होगा, और इसी से भुगतान पूरा हो जाएगा।
डिजिटल रुपये और UPI में अंतर
UPI एक भुगतान प्रणाली है, जिसके माध्यम से आप बैंक में रखे धन को किसी अन्य खाते में स्थानांतरित कर सकते हैं। जबकि e₹ नकद का डिजिटल रूप है। इसका मतलब है कि डिजिटल रुपये का उपयोग करते समय बैंक खाता आवश्यक नहीं है। यह भुगतान दो e₹ वॉलेट के बीच किया जाता है। डिजिटल रुपये को स्टोर करने वाले वॉलेट या ऐप्स की एक विशेषता यह है कि वे UPI के QR कोड भी स्कैन कर सकते हैं।