आरबीआई ने रेपो रेट को स्थिर रखा, महंगाई में कमी की उम्मीद
आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए रेपो रेट को 5.50% पर बनाए रखा। RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस बात की जानकारी दी। इसका मतलब है कि पॉलिसी रेट से जुड़े होम लोन, कार लोन और अन्य कर्जों की मासिक ईएमआई में कोई वृद्धि नहीं होगी, जिससे कर्ज लेने वालों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। यह निर्णय बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप है।
गौरतलब है कि RBI ने 2025 की पहली छमाही में कुल 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी। अगस्त की बैठक में भी दरों को स्थिर रखा गया था, और इस बार भी केंद्रीय बैंक ने वही नीति अपनाई है। RBI के 6 सदस्यीय पैनल ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि वर्तमान में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और पॉलिसी स्टांस न्यूट्रल रहेगा।
प्रमुख पॉलिसी दरें:
रेपो रेट: 5.50%
स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिलिटी: 5.25%
मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी: 5.75%
बैंक रेट: 5.75%
महंगाई के अनुमान में कमी:
गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि भविष्य में महंगाई का अनुमान पहले से कम किया गया है, लेकिन चौथी तिमाही और अगले वर्ष की शुरुआत में वृद्धि की संभावना है। वित्त वर्ष 2026 के लिए महंगाई (CPI) का अनुमान अब 2.6% है, जबकि पहले यह 3.1% था।
दूसरी तिमाही (FY26 Q2) में महंगाई का अनुमान 1.8% है, जो पहले 2.1% था।
तीसरी तिमाही (FY26 Q3) में भी महंगाई का अनुमान 1.8% है, जबकि पहले यह 3.1% था।
चौथी तिमाही (FY26 Q4) में महंगाई का अनुमान 4% है।
अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही (Q1 FY27) के लिए महंगाई का अनुमान 4.5% रखा गया है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है और अच्छे मानसून के कारण महंगाई दर में कमी आ रही है। जीएसटी कटौती से अर्थव्यवस्था की विकास दर में तेजी आई है।