आरजेडी सांसद मनोज झा ने एमजीएनआरईजीए योजना के नाम परिवर्तन पर उठाए सवाल
आरजेडी सांसद मनोज झा ने केंद्र सरकार के एमजीएनआरईजीए योजना के नाम परिवर्तन पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि किसी के नाम में 'राम' होने से उसे मनमानी करने का अधिकार नहीं मिलता। साथ ही, उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के बीच वित्तीय अनुपात में बदलाव पर भी चिंता जताई। इस बीच, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक नया विधेयक पेश किया, जिसका विपक्ष ने विरोध किया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर देशभर में विरोध प्रदर्शनों की योजना बनाई है।
Dec 17, 2025, 15:39 IST
मनोज झा की आलोचना
आरजेडी के सांसद मनोज झा ने बुधवार को केंद्र सरकार द्वारा एमजीएनआरईजीए योजना के नाम बदलने के निर्णय की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि किसी के नाम में 'राम' होने से उसे मनमानी करने का अधिकार नहीं मिल जाता। झा ने यह भी बताया कि भाजपा के भीतर भी इस फैसले से असंतोष है, और एनडीए के सहयोगी भी चिंतित हैं। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार के बीच वित्तीय अनुपात में बदलाव पर भी प्रकाश डाला, जो पहले 90-10 प्रतिशत था, अब घटकर 60-40 प्रतिशत हो गया है।
सरकार की नीतियों पर सवाल
मनोज झा ने कहा कि इस योजना के अधिकार-आधारित दृष्टिकोण को पूरी तरह से नकार दिया गया है। उन्होंने दोहराया कि किसी के नाम में 'राम' होने से उसे कुछ भी करने की छूट नहीं मिलती। उन्होंने यह भी पूछा कि सरकार को ऐसी सलाह कौन दे रहा है, जब यह योजना देश के लिए सुरक्षा कवच का काम कर रही है। इसके बजाय, सरकार इसकी आत्मा को नष्ट कर रही है।
विपक्ष का विरोध
इस बीच, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में विकसित भारत - रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक, 2025 पेश किया, जिसे वीबी-जी राम-जी विधेयक भी कहा जाता है। यह विधेयक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) को प्रतिस्थापित करने का प्रयास है। विधेयक के पेश होने पर विपक्षी सांसदों ने इसका विरोध किया।
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
कांग्रेस ने विधेयक का विरोध करते हुए देशभर में विरोध प्रदर्शनों की योजना बनाई है। पार्टी ने भाजपा और आरएसएस पर आरोप लगाया है कि वे अधिकार आधारित कल्याण को समाप्त कर रहे हैं और इसके स्थान पर केंद्र द्वारा नियंत्रित दान लाने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस ने अपने राज्य इकाइयों को निर्देश दिया है कि वे सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करें, जिसमें महात्मा गांधी के चित्र प्रदर्शित किए जाएंगे, जो उनके नाम और मूल्यों को मिटाने के खिलाफ प्रतिरोध का प्रतीक होंगे।