आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का भाजपा के साथ समन्वय पर बयान
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भाजपा के साथ अपने समन्वय पर चर्चा की, यह बताते हुए कि संघ और भाजपा के बीच कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने कहा कि संघ सलाह दे सकता है, लेकिन निर्णय भाजपा का होता है। भागवत ने भारत की जनसंख्या नीति पर भी अपने विचार साझा किए, जिसमें एक परिवार में तीन बच्चों का सुझाव दिया गया है। उनके बयान में संघ की भूमिका और सरकार के साथ संबंधों पर भी प्रकाश डाला गया है।
Aug 28, 2025, 18:53 IST
आरएसएस और भाजपा के बीच समन्वय
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में कहा कि संघ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच कोई मतभेद नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ विभिन्न मुद्दों पर सलाह दे सकता है, लेकिन अंतिम निर्णय भाजपा ही लेगी। भागवत ने यह भी बताया कि संघ का केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के साथ अच्छा समन्वय है। उन्होंने कहा कि हम सभी सरकारों, चाहे वह राज्य की हो या केंद्र की, के साथ अच्छे संबंध बनाए हुए हैं। हालांकि, कुछ व्यवस्थाएँ ऐसी हैं जिनमें आंतरिक विरोधाभास मौजूद हैं।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर भागवत का दृष्टिकोण
भागवत ने कहा कि कुल मिलाकर व्यवस्था वही है, जिसका आविष्कार अंग्रेजों ने शासन करने के लिए किया था। इसलिए, हमें कुछ नवाचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भले ही कुर्सी पर बैठा व्यक्ति पूरी तरह से समर्पित हो, उसे अपने कार्यों में स्वतंत्रता दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि झगड़ा नहीं होना चाहिए, क्योंकि सभी का लक्ष्य एक ही है, और वह है देश का भला।
आरएसएस की भूमिका पर भागवत का स्पष्टीकरण
भागवत ने यह स्पष्ट किया कि आरएसएस सब कुछ तय नहीं करता है, और यह धारणा गलत है। उन्होंने कहा कि संघ केवल सलाह दे सकता है, निर्णय नहीं। अगर संघ निर्णय लेता, तो इतना समय नहीं लगता। उन्होंने भारत की जनसंख्या नीति पर भी बात की, जिसमें 2.1 बच्चों की नीति का सुझाव दिया गया है, यानी एक परिवार में तीन बच्चे होने चाहिए। हर नागरिक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके परिवार में तीन बच्चे हों।