आरएसएस की वार्षिक बैठक: संगठनात्मक गतिविधियों की समीक्षा और भविष्य की योजनाएं
आरएसएस की वार्षिक प्रांत प्रचारक बैठक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सभी प्रमुख अधिकारी जुलाई के पहले सप्ताह में राष्ट्रीय राजधानी में अपनी क्षेत्रीय इकाइयों के पदाधिकारियों के साथ वार्षिक प्रांत प्रचारक बैठक में शामिल होंगे। यह तीन दिवसीय बैठक 4 जुलाई से शुरू होगी, जिसमें आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत और महासचिव दत्तात्रेय होसबोले इसकी अध्यक्षता करेंगे। प्रांत प्रचारक बैठक का पारंपरिक महत्व है, क्योंकि यह संघ के पूर्णकालिक प्रचारकों की भूमिकाओं की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करती है।
बैठक का समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि भाजपा द्वारा नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा की संभावना है। यह उच्च स्तरीय बैठक संगठनात्मक गतिविधियों की समीक्षा, आंतरिक समन्वय को मजबूत करने और भविष्य की पहलों की योजना बनाने पर केंद्रित होगी। संघ के शताब्दी समारोह की तैयारी भी इस बैठक के प्रमुख एजेंडे में शामिल है, जिसमें देशभर में बड़े पैमाने पर भागीदारी की योजना बनाई गई है।
इस बैठक में 11 क्षेत्रीय प्रमुख, 46 प्रचारक और विभिन्न प्रांतों से वरिष्ठ आरएसएस स्वयंसेवक शामिल होंगे। मई और जून में आयोजित प्रशिक्षण सत्रों का मूल्यांकन भी किया जाएगा, और अगले वर्ष के कार्यक्रमों की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसका उद्देश्य आंतरिक समन्वय को बढ़ाना और आगामी संगठनात्मक मील के पत्थर और सामाजिक-राष्ट्रीय पहलों के लिए रणनीति को मजबूत करना है।