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आयुर्वेदिक दृष्टिकोण: चीनी के स्थान पर गुड़ और काकवी का सेवन

इस लेख में आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से चीनी के स्थान पर गुड़ और काकवी के सेवन के लाभों पर चर्चा की गई है। जानें कैसे ये प्राकृतिक विकल्प स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं और चीनी के हानिकारक प्रभावों से बचाते हैं। राजीव भाई के शोध और अनुभवों के माध्यम से यह स्पष्ट होता है कि गुड़ और काकवी का सेवन करना कितना फायदेमंद है।
 

आयुर्वेद में शक्कर का महत्व


आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है कि भोजन में मिलने वाली शक्कर को बिना किसी रुकावट के शरीर में पहुंचना चाहिए। यह ज्ञान साढ़े तीन हजार साल पहले का है, जो दर्शाता है कि हमारे पूर्वजों ने इस विषय पर गहराई से विचार किया था।


राजीव भाई ने आधुनिक विज्ञान के संदर्भ में यह जानने का प्रयास किया कि आज के भोजन में कौन सी चीजें प्राकृतिक शक्कर के अवशोषण में बाधा डालती हैं। उनके शोध के परिणाम चौंकाने वाले थे।


चीनी और गुड़ का अंतर

भारत में एक प्रमुख प्रयोगशाला, CDRI (CENTRAL DRUG RESEARCH CENTER), में राजीव भाई ने वैज्ञानिकों से चर्चा की। सभी ने एकमत होकर बताया कि चीनी, जो हम चाय में डालते हैं, प्राकृतिक शक्कर के अवशोषण में सबसे बड़ी बाधा है।


यहाँ देखिए चीनी कैसे बनती है >>


आप सोच रहे होंगे कि चीनी के स्थान पर क्या खाना चाहिए। गुड़ एक बेहतर विकल्प है। गुड़ और चीनी में बड़ा अंतर है; चीनी बनाने के लिए गन्ने के रस में कई रसायन मिलाए जाते हैं, जबकि गुड़ बिना किसी रसायन के बनता है।


काकवी: गुड़ से बेहतर विकल्प

काकवी गुड़ से भी अधिक लाभकारी है। यह गन्ने के रस को गर्म करके बनाया जाता है और इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है। काकवी का मूल्य गुड़ के समान है।


इस विडियो में देखिए गुड कैसे बनता है >>


काकवी वह तरल है जो गुड़ बनने से पहले गन्ने के रस को गर्म करने पर प्राप्त होता है। जहां गुड़ बनता है, वहां काकवी भी अवश्य होती है।


चीनी का स्वास्थ्य पर प्रभाव

राजीव भाई ने बताया कि चीनी ने स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुँचाया है। शुगर मिलों के मालिक भी इसकी हानिकारकता को स्वीकार करते हैं। गुड़ और काकवी का उपयोग करना अधिक लाभकारी है।


इस विडियो में देखिए क्यों काकवी सबसे बेस्ट है >>


भारत के बाहर गुड़ और काकवी की मांग बढ़ रही है, क्योंकि चीनी से बनी मिठाइयाँ जल्दी खराब हो जाती हैं। गुड़ की मिठाइयाँ कई महीनों तक सुरक्षित रहती हैं।


गुड़ और चीनी का पाचन

गुड़ को पचाना आसान होता है, जबकि चीनी को पचाने में अधिक समय लगता है। गुड़ के सेवन से कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।


आपको चीनी को अपने आहार से हटाना चाहिए, क्योंकि यह प्राकृतिक शक्कर के अवशोषण में बाधा डालती है।


चीनी से नफरत करें और गुड़ तथा काकवी का सेवन करें।