आयुर्वेद दिवस पर Ghana में सम्मेलन का आयोजन
आयुर्वेद दिवस का महत्व
अक्रा, 26 सितंबर: भारतीय उच्चायोग ने Ghana की राजधानी अक्रा में 'आयुर्वेद–अफ्रीका कनेक्ट: एकीकृत चिकित्सा' विषय पर एक गोल मेज सम्मेलन का आयोजन किया। यह कार्यक्रम 10वें आयुर्वेद दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था।
इस आयोजन का उद्देश्य 'सेवा पखवाड़ा' पहल के तहत 'आयुर्वेद लोगों और ग्रह के लिए' थीम के साथ किया गया।
भारतीय उच्चायुक्त मनीष गुप्ता ने अपने संबोधन में आयुर्वेद के समग्र दृष्टिकोण पर जोर दिया, खासकर आधुनिक जीवनशैली की चुनौतियों का सामना करने में इसकी भूमिका पर। प्रतिभागियों ने आयुर्वेद को व्यापक रूप से बढ़ावा देने की सामूहिक शपथ ली, जिससे इसकी पहुंच को सभी के लिए सुलभ बनाने की प्रतिबद्धता को दोहराया गया।
इस सम्मेलन में शिक्षाविद, Ghana स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी, आयुर्वेद चिकित्सक, जड़ी-बूटी विशेषज्ञ और अन्य महत्वपूर्ण हितधारक शामिल हुए। चर्चा में आयुर्वेद की प्रासंगिकता को उजागर किया गया।
पहले, आयुर्वेद दिवस हर साल धनतेरस पर मनाया जाता था, जो भगवान धन्वंतरि के सम्मान में होता था। यह तिथि चंद्र कैलेंडर पर आधारित होती थी और हर साल बदलती थी।
इसलिए, आयुष मंत्रालय ने 23 सितंबर को आयुर्वेद दिवस के रूप में निर्धारित किया, जिससे इस प्राचीन ज्ञान प्रणाली को एक वैश्विक कैलेंडर पहचान मिली और वैश्विक स्तर पर अधिक भागीदारी संभव हुई।
सोमवार को, आयुष मंत्रालय ने कहा कि 10वां आयुर्वेद दिवस भारत की समग्र स्वास्थ्य देखभाल के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगा और वैश्विक स्वास्थ्य में इसकी भूमिका को दोहराएगा।
इस वर्ष का विषय 'आयुर्वेद लोगों और ग्रह के लिए' है, जो यह दर्शाता है कि आयुर्वेद केवल एक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति और पर्यावरण के बीच सामंजस्य के सिद्धांत पर आधारित एक विज्ञान है।
आयुर्वेद संस्थान के निदेशक प्रोफेसर (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति ने कहा, '10वां आयुर्वेद दिवस हर व्यक्ति तक आयुर्वेद को पहुंचाने और वैश्विक स्वास्थ्य में इसकी भूमिका को दोहराने का एक अवसर है।'
उन्होंने इसे एक जन आंदोलन बताया और आयुर्वेद की प्राचीन ज्ञान को आधुनिक अनुसंधान और साक्ष्यों के साथ मिलाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि इसे वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल के केंद्र में लाया जा सके।
पिछले वर्ष 150 से अधिक देशों में वैश्विक भागीदारी के आधार पर, आयुर्वेद दिवस 2025 का लक्ष्य और भी व्यापक अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचना है, जिससे भारत की पारंपरिक और समग्र स्वास्थ्य प्रणालियों में नेतृत्व को दोहराया जा सके।