आयुर्वेद और योग का वैश्विक महत्व: मध्यप्रदेश में संगोष्ठी का आयोजन
आयुर्वेद संगोष्ठी में मुख्य अतिथि का संबोधन
 
मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने सोमवार को राजधानी में रानी दुलैया स्मृति आयुर्वेद महाविद्यालय द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी ‘डिजिटल युग के लिए आयुर्वेद: एकीकरण, नवाचार और वैश्विक प्रासंगिकता’ में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।
प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से आयुर्वेद की वैश्विक पहचान
इस अवसर पर तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में योग और आयुर्वेद जैसी प्राचीन विधाओं को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा को अपने जीवन में शामिल करें, क्योंकि ये न केवल बीमारियों के इलाज में सहायक हैं, बल्कि स्वास्थ्य की सुरक्षा भी प्रदान करते हैं।
कार्यक्रम में आरोग्य भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री डॉ. अशोक कुमार वाष्णेय, पद्मश्री डॉ. इंद्रमनु आबा, जर्मनी की प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. स्टेफेनिया लॉनेंज, डॉ. नितिन अग्रवाल, और महाविद्यालय के संचालक हेमंत चौहान सहित कई गणमान्य नागरिक, वरिष्ठ चिकित्सक और छात्र उपस्थित थे।
तोमर ने यह भी कहा कि आयुर्वेद को पहले जितना सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला। लेकिन अब भारत सरकार और प्रदेश सरकार इस दिशा में गंभीर प्रयास कर रही हैं। यह गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आयुर्वेद के उत्थान के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं।
आरोग्य भारती और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का योगदान
उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आरोग्य भारती के माध्यम से आयुर्वेद के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आयुर्वेद को डिजिटल तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य आधुनिक तकनीकों से जोड़ने के लिए भी सरकार प्रयासरत है।