आयकर विभाग ने LTCG टैक्स में बदलाव की अफवाहों का खंडन किया
आयकर विभाग का स्पष्ट बयान
इनकम टैक्स विभाग ने मंगलवार को दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) टैक्स की दरों में संभावित वृद्धि की अटकलों को खारिज करते हुए एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है। विभाग ने स्पष्ट किया कि नए आयकर विधेयक, 2025 में टैक्स दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया जा रहा है। यह विधेयक केवल भाषा को सरल बनाने और कानून को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए लाया गया है।
नया आयकर विधेयक क्या है?
केंद्र सरकार ने फरवरी 2025 में नया आयकर विधेयक संसद में पेश किया था, जिसे एक संसदीय समिति के पास भेजा गया। हाल ही में समिति ने अपनी सिफारिशें संसद को सौंप दी हैं। इसके बाद से मीडिया में यह चर्चा होने लगी कि इस विधेयक के माध्यम से LTCG टैक्स की दरें बढ़ाई जा सकती हैं। इन अटकलों को देखते हुए आयकर विभाग ने स्थिति स्पष्ट की।
आयकर विभाग का आधिकारिक बयान
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर कहा कि नया आयकर विधेयक 2025 का उद्देश्य भाषा को सरल बनाना और अप्रचलित प्रावधानों को हटाना है। इसमें किसी भी प्रकार के टैक्स दर में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है। विभाग ने यह भी कहा कि यदि विधेयक की भाषा में कोई अस्पष्टता पाई जाती है, तो उसे पारित करने की प्रक्रिया के दौरान स्पष्ट किया जाएगा।
निवेशकों के लिए राहत
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि यदि LTCG टैक्स दरों में बदलाव होता, तो यह दीर्घकालिक निवेश को प्रभावित कर सकता था। शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले करोड़ों निवेशक इस संशय में थे कि कहीं उनके लाभ पर अधिक टैक्स तो नहीं लगेगा। लेकिन आयकर विभाग के इस स्पष्टीकरण से यह स्पष्ट हो गया है कि LTCG टैक्स की मौजूदा दरें बरकरार रहेंगी।
LTCG टैक्स क्या है?
LTCG टैक्स वह कर है जो किसी संपत्ति (जैसे शेयर, म्यूचुअल फंड, भूमि आदि) को लंबे समय बाद बेचने पर उस पर प्राप्त लाभ पर लगाया जाता है। वर्तमान में, शेयर बाजार में एक साल से अधिक समय तक निवेश पर मिलने वाले लाभ पर 10% की दर से LTCG टैक्स लागू होता है, यदि लाभ ₹1 लाख से अधिक हो।