आयकर रिटर्न फाइलिंग: जानें कैसे सुधारें गलतियां और पाएं राहत
आयकर रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया
हम में से कई लोग आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने के बाद राहत की सांस लेते हैं। लेकिन क्या होगा अगर उस ITR में कोई गलती रह गई हो? चिंता न करें, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बिना ऑडिट वाले ITR की अंतिम तिथि 16 सितंबर 2025 बीत चुकी है, फिर भी आयकर विभाग ने राहत का एक रास्ता खोला है।
यदि आपने गलती की है या ITR फाइल करना भूल गए हैं, तो आपके पास 31 दिसंबर 2025 तक का समय है। इस तिथि तक आप अपने रिटर्न को सुधार सकते हैं या देर से फाइल कर सकते हैं। यह सुविधा सभी करदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा है।
गलतियों को सुधारने का अंतिम अवसर
ITR फाइल करते समय अक्सर छोटी-छोटी गलतियां हो जाती हैं। जैसे कि कोई आय का स्रोत छूट गया हो, टैक्स कटौती का दावा करना भूल गए हों, या व्यक्तिगत जानकारी गलत भर दी हो। आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139(5) के तहत, विभाग आपको इन सभी को सुधारने का अवसर देता है। इसे संशोधित ITR (Revised ITR) कहा जाता है।
आप आसानी से अपनी गलतियों को सुधारने के लिए संशोधित ITR फाइल कर सकते हैं।
संशोधित ITR फाइल करने की प्रक्रिया
- इनकम टैक्स पोर्टल पर लॉग इन करें।
- ‘e-File’ सेक्शन में ‘Income Tax Return’ पर जाएं।
- ‘File Income Tax Return’ का चयन करें और सही असेसमेंट वर्ष चुनें।
- गलतियों को सुधारने के लिए धारा 139(5) के तहत ‘Revised Return’ विकल्प चुनें।
- यहां मूल ITR का एक्नॉलेजमेंट नंबर डालें और फिर गलतियों को सुधारें।
ध्यान दें, यदि संशोधित रिटर्न से आपकी टैक्स देनदारी बढ़ती है, तो आपको अतिरिक्त टैक्स पर ब्याज देना होगा। यह ब्याज उसी दिन से शुरू होगा जब टैक्स चुकाना था। आप 31 दिसंबर 2025 तक या असेसमेंट पूरा होने से पहले, जो पहले हो, संशोधित ITR फाइल कर सकते हैं।
यदि ITR फाइल करना भूल गए हैं तो क्या करें?
यदि आपने 16 सितंबर 2025 की डेडलाइन चूक दी है, तो आपके पास बिलेटेड रिटर्न (Belated Return) फाइल करने का विकल्प है। इसे भी 31 दिसंबर 2025 तक फाइल किया जा सकता है। लेकिन देर से ITR फाइल करने पर पेनल्टी लगेगी।
- ₹5 लाख से अधिक वार्षिक आय वालों को ₹5,000 की लेट फीस लगेगी।
- ₹5 लाख से कम आय वालों के लिए ₹1,000। (धारा 234F के तहत)
जुर्माने के अलावा, बकाया टैक्स पर हर महीने 1% ब्याज लगेगा। बिलेटेड रिटर्न में कुछ सीमाएं हैं—आप टैक्स रीजीम नहीं बदल सकते। समय पर ITR फाइल न करने से भविष्य के नुकसान और कुछ डिडक्शन का लाभ भी खो सकते हैं।
अंतिम विकल्प: अपडेटेड रिटर्न (ITR-U)
यदि आप 31 दिसंबर की डेडलाइन भी चूक गए हैं, तो आपके पास अपडेटेड रिटर्न (Updated Return) या ITR-U फाइल करने का अंतिम अवसर है। इसे धारा 139(8A) के तहत फाइल करें। लेकिन ध्यान रखें, यह केवल टैक्स देनदारी बढ़ाने के लिए है, नई डिडक्शन का दावा करके लायबिलिटी कम नहीं कर सकते।
फाइलिंग की समयसीमा के अनुसार अतिरिक्त पेनल्टी भी लग सकती है।
- 12 महीने के भीतर 25%
- 12 से 24 महीने के बीच 50%
- 24 से 36 महीने के बीच 60%
- 36 से 48 महीने के बीच 70%
ITR फाइल न करना या गलत जानकारी देना एक बड़ा जोखिम है। विभाग नोटिस भेज सकता है, रिफंड अटक सकता है, और यदि टैक्स ₹25 लाख से अधिक है तो 6 महीने से 7 साल की जेल भी हो सकती है। इसलिए, आयकर रिटर्न फाइलिंग को कभी नजरअंदाज न करें।