आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर मॉक पार्लियामेंट का आयोजन
दिल्ली भाजपा युवा मोर्चा ने आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में मॉक पार्लियामेंट का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आपातकाल के प्रभाव और उसके सबक पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे इमरजेंसी ने लोकतंत्र को प्रभावित किया और युवा पीढ़ी को इसके महत्व को समझने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों को राष्ट्र सेवा की भावना को जागरूक करने का संदेश दिया गया।
Jun 27, 2025, 16:36 IST
आपातकाल के काले अध्याय की याद
दिल्ली भाजपा युवा मोर्चा ने आपातकाल के 50 साल पूरे होने के अवसर पर एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में एक मॉक पार्लियामेंट का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दीप जलाकर किया। इस मॉक पार्लियामेंट में विभिन्न कॉलेजों के युवा छात्रों ने भाग लिया। उद्घाटन से पहले, डॉ. जयशंकर और सचदेवा ने आपातकाल पर आधारित विशेष प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत और युवा पीढ़ी का संदेश
कार्यक्रम की शुरुआत में, दिल्ली भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष सागर त्यागी ने कांग्रेस के आपातकाल को याद करते हुए इसे भारत के इतिहास का एक काला अध्याय बताया। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मॉक पार्लियामेंट का आयोजन युवा पीढ़ी को यह समझाने के लिए किया गया है कि कांग्रेस ने सत्ता के लिए संविधान का कैसे उल्लंघन किया। उन्होंने कहा कि उस समय सत्ता के लालच में कई लोगों को नुकसान पहुंचाया गया।
डॉ. एस जयशंकर का संबोधन
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि विपक्ष बार-बार अघोषित इमरजेंसी की बात करता है, लेकिन यह समय इमरजेंसी का नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी पीढ़ी ने उस इमरजेंसी को देखा है और हमें इसे अगली पीढ़ियों को बताना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या कभी उन्होंने आपातकाल के लिए माफी मांगी है।
आपातकाल का प्रभाव और सबक
डॉ. जयशंकर ने बताया कि आपातकाल केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं था, बल्कि यह हमारे जीवन पर एक बड़ा आक्रमण था। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के दौरान लोगों में डर पैदा करने के लिए पुलिस द्वारा रात में हमले किए जाते थे। उन्होंने यह भी बताया कि इमरजेंसी के दौरान संविधान में कई संशोधन किए गए थे, जो नागरिकों के अधिकारों को सीमित करते थे।
आपातकाल के बाद की स्थिति
विदेश मंत्री ने कहा कि 1971 में युद्ध जीतने के बाद सरकार की लोकप्रियता में गिरावट आई थी, जिसके कारण इमरजेंसी लागू की गई। उन्होंने कहा कि आज भी कांग्रेस से इस बारे में सवाल किया जाता है, लेकिन किसी को भी इसका कोई पछतावा नहीं है।
भविष्य के लिए संदेश
डॉ. जयशंकर ने कहा कि हमें लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए और अपने लोगों को सशक्त बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के समय जो घटनाएं हुईं, उन्हें इतिहास के रूप में नहीं देखना चाहिए, बल्कि हमें उनसे सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए।