आतंकी नेटवर्क का खुलासा: डॉक्टरों की संदिग्ध भूमिका
आतंकी गतिविधियों में डॉक्टरों की संलिप्तता
भारत के कई राज्यों में एक आतंकी नेटवर्क तेजी से फैल रहा है, जो डॉक्टरों से भी जुड़ा हुआ है। दिल्ली में 10/11 हमलों की जांच के बाद, सुरक्षा एजेंसियां इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं कि कैसे उत्तर प्रदेश की एक मेधावी मेडिकल छात्रा, डॉ. शाहीन शाहिद, पिछले दशक में कई कश्मीरी डॉक्टरों के संपर्क में आईं और एक कट्टरपंथी इस्लामवादी बन गईं। डॉ. शाहीन की शादी डॉ. जफर हयात से हुई थी, लेकिन 2015 में उनका तलाक हो गया, जिसके बाद उन्होंने अपने परिवार से दूरी बना ली।
शाहीन ने हरियाणा और दिल्ली में आतंकियों को इकट्ठा करने और रसद नेटवर्क स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
दिल्ली में आतंकवादी गतिविधियों का विस्तार
शाहीन कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग की प्रमुख बन गई हैं। 2015 में उनका संपर्क पुलवामा के डॉक्टर डॉ. मुज़म्मिल गनई से हुआ, जिन्होंने उन्हें कश्मीरी छात्रों से मिलवाया। इसके बाद, शाहीन ने पिछले एक दशक में कई कश्मीरी छात्रों से संबंध बनाए। उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते के सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कई संदिग्धों से मुलाकात की, जिनमें से दो अयोध्या राम मंदिर गए थे।
जांच की दिशा में कदम
वर्तमान में, जांच एजेंसियां यह पुष्टि करने की कोशिश कर रही हैं कि डॉ. शाहीन अयोध्या में कहां मिलीं और वहां कब रुकीं। जम्मू-कश्मीर पुलिस को उनके लखनऊ दौरे की सूचना दी गई है। डॉ. शाहीन और उनके भाई डॉ. परवेज़ अंसारी के पड़ोसियों से भी पूछताछ की जा रही है। वे कानपुर में किराए पर रह रहे थे और उनका व्यवहार सामान्य था।
काउंटर-इंटेलिजेंस और पुलिस की टीमों ने शुक्रवार को कश्मीर में कई स्थानों पर छापे मारे। काजीगुंड, अनंतनाग और शोपियां में संयुक्त छापेमारी में और डॉक्टरों का पता चला। कश्मीर के एक अन्य डॉक्टर, डॉ. निसारुल हसन, लाल किला विस्फोट के बाद से लापता हैं।
संदिग्धों की पहचान
डॉ. निसारुल हसन, जो अलफ़लाह अस्पताल में जनरल मेडिसिन के प्रोफेसर हैं, इस आतंकी साजिश के मास्टरमाइंड माने जा रहे हैं। डॉक्टरों की संदिग्ध संलिप्तता ने देश के आतंकी नेटवर्क में एक चिंताजनक बदलाव का संकेत दिया है। शिक्षित पेशेवर अब पाकिस्तान समर्थित नेटवर्कों में शामिल हो रहे हैं, जो भारतीय शहरों में चुपचाप काम कर रहे हैं।
डॉक्टर आदिल, मुज़म्मिल, और शाहीन शाहिद को पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
जिन्होंने उस कार का नेतृत्व किया और ठीक उसी स्थान पर उस कायराना आतंकी हमले को अंजाम दिया। अब हम एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश कर रहे हैं, जिसमें चिकित्सा जगत के और भी लोग शामिल हैं। हम डॉ. आरिफ के बारे में जानते हैं, जिनका कानपुर इलाके से अपहरण हुआ था। चिकित्सा जगत से और भी नाम सामने आ रहे हैं, और ये सभी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की नजरों से ओझल हैं।