आतंकवाद के खिलाफ सशस्त्र बलों की नई रणनीति: जनरल उपेंद्र द्विवेदी
पहलगाम में आतंकवादी हमले का प्रभाव
शनिवार को सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई, ने भारत की सीमा पार खतरों के प्रति प्रतिक्रिया में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाया है। कारगिल विजय दिवस के अवसर पर ड्रास में एक समारोह में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि 6-7 मई का अभियान पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के उसके नियंत्रण वाले क्षेत्रों में उच्च मूल्य के लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए था।
सैन्य अभियान का उद्देश्य
जनरल द्विवेदी ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य नागरिकों को नुकसान से बचाना था और यह स्पष्ट संदेश देना था कि सीमा पार हमलों के पीछे के समर्थन प्रणाली को सीधे परिणामों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान के खिलाफ एक मजबूत प्रतिक्रिया है, यह सुनिश्चित करते हुए कि कोई भी भारत के खिलाफ आतंकवाद को आश्रय नहीं दे सकेगा।'
ऑपरेशन सिंदूर का विवरण
कारगिल युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद, जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन की समयरेखा का विवरण दिया। उन्होंने बताया कि भारतीय बलों ने 6 और 7 मई को पाकिस्तान-आधारित आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया। इसके बाद, जब पाकिस्तान ने भारतीय नागरिकों और सैन्य ठिकानों को लक्षित करने का प्रयास किया, तो सेना, वायु सेना और नौसेना ने मिलकर देश की रक्षा की।
भविष्य की रणनीतियाँ
जनरल द्विवेदी ने 'रुद्र' ब्रिगेड के गठन की घोषणा की, जो विभिन्न सेना शाखाओं को एकीकृत करेगी। उन्होंने कहा कि दो ऐसी ब्रिगेड पहले से सक्रिय हैं, जो भविष्य की चुनौतियों के लिए बेहतर समन्वय और तत्परता सुनिश्चित करेंगी।
शहीदों को श्रद्धांजलि
जनरल द्विवेदी ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, 'आज मैं गर्व और भावुकता महसूस कर रहा हूँ।' उन्होंने कारगिल के नायकों के माता-पिता की हिम्मत और बलिदान की सराहना की।
नई पहलों की शुरुआत
इस अवसर पर, जनरल द्विवेदी ने कारगिल युद्ध के शहीदों की याद में तीन परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इनमें 'ई-श्रद्धांजलि' पोर्टल, 1999 के कारगिल युद्ध की कहानियों को साझा करने के लिए QR कोड आधारित ऑडियो गेटवे, और सीमा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इंदुस व्यू प्वाइंट शामिल हैं।
रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता
जनरल द्विवेदी ने देश की रक्षा के प्रति सेना की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, 'हम उन लोगों को सजा नहीं दे सकते जो हमारे देश को नुकसान पहुँचाते हैं।'