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आज़म खान को दो पैन कार्ड के मामले में 7 साल की सजा, स्मृति ईरानी पर सवाल उठे

रामपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सपा नेता आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म को दो पैन कार्ड रखने के मामले में 7 साल की सजा सुनाई है। इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर एक नया विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें कई यूजर्स स्मृति ईरानी के दो पैन कार्ड रखने के आरोपों को लेकर सवाल उठा रहे हैं। क्या कानून में दोहरा मापदंड है? जानिए इस मामले की पूरी कहानी और सोशल मीडिया पर चल रही बहस के बारे में।
 

सपा नेता आज़म खान और उनके बेटे को सजा

रामपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म को दो पैन कार्ड रखने के आरोप में 7 साल की सजा सुनाई है। इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर एक नया सियासी विवाद शुरू हो गया है। जैसे ही यह निर्णय आया, X और फेसबुक पर एक सवाल तेजी से फैलने लगा: 'अगर आज़म खान को दो पैन कार्ड के लिए 7 साल की सजा मिल सकती है, तो स्मृति ईरानी पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?' कई यूजर्स ने उनके नाम से जुड़े कथित 'दो PAN कार्ड' के स्क्रीनशॉट साझा कर सरकार और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं.


सोशल मीडिया पर बहस का ताजा दौर

सोशल मीडिया पर बहस इतनी तीव्र हो गई है कि लोग यह पूछ रहे हैं कि क्या कानूनी कार्रवाई में दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। क्या यह केवल राजनीतिक शोर है? यूजर्स का कहना है कि यदि कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है, तो एक मामले में कार्रवाई और दूसरे में चुप्पी क्यों?


स्मृति ईरानी के दो पैन कार्ड पर उठे सवाल

एक यूजर ने लिखा कि आज़म खान और उनके बेटे को दो पैन कार्ड रखने के आरोप में 7 साल की सजा दी गई है, जबकि 2015 में यह सामने आया था कि बीजेपी नेता स्मृति ईरानी के पास भी दो पैन कार्ड हैं। लेकिन इस मामले में किसी कानून प्रवर्तन एजेंसी ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। क्या हमारे कानून दो अलग-अलग व्यक्तियों के लिए अलग-अलग व्यवहार करते हैं? एक अन्य यूजर ने पूछा कि आज़म खान को दो पैन कार्ड के लिए 7 साल की सजा मिली है, तो स्मृति ईरानी को कितनी सजा मिली?


क्या दो PAN कार्ड रखना अपराध है?

भारत में किसी भी नागरिक के लिए दो स्थायी खाता संख्या (PAN) कार्ड रखना कानून का उल्लंघन है। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 272B के अनुसार, दो PAN कार्ड पाए जाने पर ₹10,000 तक का जुर्माना और गंभीर मामलों में जेल की सजा भी हो सकती है। रामपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने यह माना कि दोनों ने जानबूझकर दो अलग-अलग PAN का उपयोग किया, जिसके बाद उन्हें दोषी ठहराते हुए 7 साल की सजा सुनाई गई। इस फैसले के बाद सत्ता और विपक्ष के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है.


सोशल मीडिया पर स्मृति ईरानी का नाम क्यों चर्चा में है?

फैसले के तुरंत बाद कुछ यूजर्स ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि 2015 में स्मृति ईरानी के पास भी दो PAN कार्ड थे, फिर उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? यूजर्स ने कथित दस्तावेज़ साझा कर कहा कि 'अगर आज़म खान को सजा मिल सकती है, तो स्मृति ईरानी को क्यों नहीं?' हालांकि, इन वायरल पोस्ट्स की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है.