आजम खान की राजनीतिक और आर्थिक स्थिति में गिरावट
आजम खान, जो कभी उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा थे, अब आर्थिक और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर कमजोर स्थिति में हैं। उनकी संपत्तियों का बड़ा हिस्सा विवादों और कानूनी कार्यवाही के कारण खो चुका है। जौहर यूनिवर्सिटी अब प्रशासन के नियंत्रण में है, और उन पर दर्ज आपराधिक मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में उनकी आय में भारी गिरावट आई है, और अब उनके पास केवल कुछ करोड़ की संपत्ति और लंबी कानूनी लड़ाई बची है।
Oct 7, 2025, 22:59 IST
आजम खान की मुश्किलें
उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक समय प्रभावशाली माने जाने वाले आजम खान अब आर्थिक और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर कमजोर स्थिति में हैं। रामपुर से लखनऊ तक उनकी राजनीतिक पकड़ लगभग समाप्त हो चुकी है, और उनकी अधिकांश संपत्तियां विवादों, कानूनी कार्यवाही और सरकारी जब्ती के कारण हाथ से निकल गई हैं।
संपत्ति का नुकसान
पिछले 50 महीनों में आजम खान ने लगभग 600 करोड़ रुपये की संपत्ति खो दी है। उनकी पहचान मानी जाने वाली जौहर यूनिवर्सिटी अब प्रशासन के नियंत्रण में है। इस विश्वविद्यालय की लगभग 13 हेक्टेयर भूमि शत्रु संपत्ति के रूप में घोषित की जा चुकी है, कई भवनों को सील कर दिया गया है और कुछ की नीलामी की प्रक्रिया चल रही है। इस विश्वविद्यालय पर लगभग 30 मुकदमे दर्ज हैं, और मामला अब उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। प्रशासन ने संपत्ति का सीमांकन और जियो-टैगिंग की प्रक्रिया भी पूरी कर ली है।
आर्थिक स्थिति
2022 के चुनावी हलफनामे के अनुसार, आजम खान के पास अब केवल 35 हजार रुपये नकद और लगभग 2 करोड़ 30 लाख रुपये बैंक खातों में हैं, जिनमें से कुछ उनकी संस्थाओं के नाम पर हैं। उनके पास चल संपत्ति के रूप में एक वॉल्वो कार, पत्नी के नाम पर एक क्वालिस, कुछ जेवर, हथियार और सीमित कृषि एवं गैर-कृषि भूमि ही बची है। पिछले कुछ वर्षों में उनकी आय में भारी गिरावट आई है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2016-17 से 2022 तक उनकी सालाना आय 10 लाख रुपये से भी कम रही, जो पहले करोड़ों में होती थी।
कानूनी परेशानियां
योगी सरकार के कार्यकाल में आजम खान पर 111 आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से अधिकांश जौहर यूनिवर्सिटी से संबंधित हैं। पिछले आठ वर्षों में उन्होंने लगभग 50 महीने जेल में बिताए हैं। पहली बार 27 महीने और दूसरी बार 23 महीने, यानी पिछले 8 साल में आधा समय जेल में गुजरा। भ्रष्टाचार, जालसाजी, भूमि कब्जे और शत्रु संपत्ति जैसे मामलों के कारण कोर्ट ने उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
राजनीतिक हाशिए पर
कभी समाजवादी राजनीति के प्रमुख चेहरों में से एक रहे आजम खान अब मुकदमों, जांचों और कानूनी उलझनों में फंसे हुए हैं। रामपुर, जिसे उन्होंने दशकों तक अपना गढ़ बनाए रखा, अब धीरे-धीरे उनसे दूर होता जा रहा है। राजनीतिक रूप से हाशिए पर पहुंचे आजम खान के पास अब कुछ करोड़ की संपत्ति और लंबी कानूनी लड़ाई ही शेष रह गई है।