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आगरा में मां ने अपनी बेटी को देह व्यापार में धकेला, पुलिस ने की कार्रवाई

आगरा में एक मां ने अपनी नौ वर्षीय बेटी को देह व्यापार के धंधे में धकेल दिया, जिससे मासूम ने खुद को मुक्त कर पुलिस से मदद मांगी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मां और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बालिका के शरीर पर चोटों के निशान हैं, और उसकी काउंसलिंग की जाएगी। यह मामला आगरा में मासूमों के साथ हो रहे अपराधों की एक और कड़ी है।
 

मां की क्रूरता का शिकार हुई मासूम


मां का प्यार और त्याग बच्चों के लिए अनमोल होता है, लेकिन आगरा में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला ने अपनी नौ वर्षीय बेटी को देह व्यापार के धंधे में धकेल दिया। जब मासूम ने इसका विरोध किया, तो उसे बेरहमी से पीटा गया और सिगरेट से दागा गया। रविवार को, बालिका ने खुद को इस चंगुल से मुक्त किया और एक राहगीर से मदद मांगी। राहगीर ने उसे पुलिस चौकी पहुंचाया, जहां उसके शरीर पर चोटों के निशान देखकर पुलिसकर्मी भी दंग रह गए।


पुलिस ने न्यू सीता नगर निवासी अजय सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज किया है। अजय ने बताया कि ग्वालियर रोड पर एक बच्ची रोते हुए मिली, जिसने कहा कि उसकी मां उसे इस धंधे में धकेल रही है।


डीसीपी सोनम कुमार ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए गीता नामक महिला को गिरफ्तार किया गया है। गीता ने स्वीकार किया कि उसने दो साल पहले शालू और कुनाल से बालिका को 60,000 रुपये में खरीदा था।


पुलिस ने यह भी पता लगाया कि गीता ने तीन शादियां की हैं और वर्तमान में अपने तीसरे पति के साथ रह रही है। गीता के बेटे ने भी बालिका के साथ दुराचार किया था। पुलिस ने मामले में शामिल सभी आरोपियों को पकड़ने के लिए टीमें गठित की हैं।


बालिका के असली माता-पिता का पता नहीं चल पाया है। जब उसे खरीदा गया था, तब वह केवल सात साल की थी। महिला पुलिसकर्मियों ने बालिका से बातचीत की, लेकिन उसे अपने माता-पिता के बारे में कुछ भी याद नहीं है।


पुलिस ने यह भी बताया कि शालू और कुनाल ने जयपुर में महेंद्र से बालिका को खरीदा था। इस मामले में सभी आरोपियों को सख्त सजा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।


बालिका के शरीर पर कई चोटों के निशान हैं। उसने बताया कि उसे सिगरेट से दागा जाता था और डंडे से पीटा जाता था। पुलिस ने उसे मेडिकल जांच के लिए भेजा है और उसकी काउंसलिंग भी कराई जाएगी।


आगरा में यह पहला मामला नहीं है, जहां मासूमों को देह व्यापार के लिए बेचा गया है। पुलिस ने पिछले 21 वर्षों में ऐसे कई मामलों का सामना किया है।