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आगरा में धर्मांतरण सिंडिकेट का खुलासा: ISIS और लश्कर-ए-तैयबा के तार

आगरा में एक अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट का खुलासा हुआ है, जिसमें ISIS और लश्कर-ए-तैयबा के संबंध सामने आए हैं। एक हिंदू लड़की के कश्मीर से लौटने के बाद उसके व्यवहार में आए बदलाव ने इस मामले की परतें खोलीं। परिवार ने चार साल तक अपनी बेटी पर नजर रखी, लेकिन वह फिर से भाग गई। जांच में पता चला कि इस सिंडिकेट को विदेशों से करोड़ों की फंडिंग मिल रही थी। जानें इस चौंकाने वाली कहानी के सभी पहलू।
 

आगरा में धर्मांतरण का मामला


उत्तर प्रदेश के आगरा में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट का पर्दाफाश हुआ है। इस सिंडिकेट के संबंध आतंकी संगठनों ISIS और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने का पता चला है।


यह मामला तब सामने आया जब एक हिंदू लड़की कश्मीर से लौटकर अपने व्यवहार में बदलाव दिखाने लगी। उसने हिजाब पहनना शुरू कर दिया और अपने हिंदू देवी-देवताओं के बारे में अजीब बातें करने लगी।


गणेश भगवान का अपमान


यह घटना 24 मार्च को आगरा के सदर बाजार थाने में दर्ज दो बहनों की गुमशुदगी से शुरू हुई। पुलिस जांच में पता चला कि पीड़ित परिवार की बड़ी बेटी पहले भी लापता हो चुकी थी। परिवार ने बताया कि उनकी बड़ी बेटी एमफिल के बाद पीएचडी कर रही थी और चार साल पहले भी अचानक घर से गायब होकर कश्मीर पहुंच गई थी। वहां उसकी मुलाकात एक सायमा नाम की महिला से हुई, जिसने उसे इस्लाम की ओर आकर्षित किया।


हालांकि, उस समय एक भूस्खलन के कारण पुलिस ने उसे समय पर बचा लिया। लेकिन कश्मीर से लौटने के बाद उसका व्यवहार पूरी तरह बदल गया। परिवार ने बताया कि वह पहले नवरात्रि का व्रत रखती थी, लेकिन अब वह पर्दा करने और हिजाब पहनने की बात करने लगी। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि उसने भगवान गणेश को 'सूंड वाला देवता' कहकर अपमानित किया और मूर्ति पूजा को 'बुतपरस्ती' बताया।


परिवार ने चार साल तक अपनी बेटी पर नजर रखी, लेकिन 24 मार्च 2025 को वह अपनी छोटी बहन के साथ फिर से भाग गई। दोनों बहनों को कोलकाता से बरामद किया गया।


धर्मांतरण नेटवर्क का खुलासा


यूपी पुलिस और एटीएस की संयुक्त जांच में इस धर्मांतरण नेटवर्क के पीछे एक गहरी साजिश का खुलासा हुआ है। ISIS और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े इस सिंडिकेट को विदेशों से करोड़ों की फंडिंग मिल रही थी। यह पैसा यूएई, कनाडा, लंदन और अमेरिका जैसे देशों से भारत भेजा जाता था ताकि इसे ट्रैक न किया जा सके।


गोवा की आयशा उर्फ एसबी कृष्णा इस नेटवर्क की फंड मैनेजर थी, जबकि उसका पति शेखर राय उर्फ हसन अली कानूनी प्रक्रियाओं का काम संभालता था। दिल्ली से गिरफ्तार मनोज उर्फ मुस्तफा लड़कियों को नए मोबाइल और फर्जी सिम कार्ड मुहैया कराता था। आगरा का अब्दुल रहमान कुरैशी और कोलकाता का ओसामा जैसे लोग यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस्लामी कट्टरपंथ का प्रचार करते थे।