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आईआईटी खड़गपुर में एक और छात्र की संदिग्ध मौत, आत्महत्या के मामलों में वृद्धि

आईआईटी खड़गपुर में एक और पीएचडी छात्र की संदिग्ध मौत ने संस्थान में आत्महत्या के मामलों की बढ़ती संख्या पर चिंता बढ़ा दी है। रांची के निवासी हर्षकुमार पांडे का शव उनके छात्रावास में लटका हुआ पाया गया। यह इस वर्ष का पांचवां मामला है। संस्थान के निदेशक ने छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन सवाल यह है कि छात्र इतना दबाव क्यों महसूस कर रहे हैं। जानें पूरी कहानी में क्या हो रहा है।
 

आईआईटी खड़गपुर में शोधकर्ता की मौत

आईआईटी खड़गपुर.

शनिवार को आईआईटी खड़गपुर में एक पीएचडी छात्र का शव उसके छात्रावास के कमरे की छत से लटका हुआ मिला। यह इस वर्ष संस्थान में आत्महत्या का पांचवां संदिग्ध मामला है। अधिकारियों के अनुसार, रांची के निवासी हर्षकुमार पांडे (27) को बीआर आंबेडकर हॉल में उनके कमरे में मृत पाया गया।

पांडे मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी कर रहे थे। आईआईटी खड़गपुर के एक प्रवक्ता ने बताया कि उनके माता-पिता उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे थे और उनका कमरा अंदर से बंद था। इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया, जिन्होंने दरवाजा तोड़कर अंदर जाकर शव को छत से लटका हुआ पाया।

पांच छात्रों की आत्महत्या की घटनाएं

इस घटना के साथ, जनवरी से अब तक संस्थान में कुल पांच छात्रों ने आत्महत्या की है। पिछली घटना 18 जुलाई को हुई थी, जब चौथे वर्ष के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र रीतम मंडल का शव उनके छात्रावास में मिला था। इसके अलावा, 21 जुलाई को एक छात्र की गले में टैबलेट फंसने से मौत हो गई थी। चंद्रदीप पवार, जो मध्य प्रदेश का निवासी था, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के द्वितीय वर्ष का छात्र था।

आत्महत्या रोकने के लिए उठाए गए कदम

आईआईटी खड़गपुर में बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं के बीच यह सवाल उठ रहा है कि छात्र और शोधार्थी इतना दबाव क्यों महसूस कर रहे हैं। संस्थान के निदेशक सुमन चक्रवर्ती, जिन्होंने 23 जून को पदभार संभाला, ने छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने सेतु ऐप, मदर कैंपस और अन्य मानसिक स्वास्थ्य पहलों की शुरुआत की है। इसके अलावा, 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर वे छात्रों के साथ मशाल जुलूस में भी शामिल हुए थे.