आईआईटी के पूर्व छात्रों ने छोड़ी करोड़ों की नौकरी, जुटाए 61 मिलियन डॉलर
आईआईटी के पूर्व छात्रों की सफलता की कहानी
वरुण वुम्मादी Image Credit source: Varun Vummadi LinkedIn
आईआईटी खड़गपुर के पूर्व छात्रों वरुण वुम्मादी और ईशा मणिदीप ने हाल ही में अपने एआई सपोर्ट ऑटोमेशन स्टार्टअप गीगा के लिए 61 मिलियन डॉलर की सीरीज ए फंडिंग प्राप्त की है। यह फंडिंग रेडपॉइंट वेंचर्स के नेतृत्व में हुई है, जिससे गीगा की चर्चा तेजी से बढ़ी है। उल्लेखनीय है कि दोनों ने अपनी उच्च वेतन वाली नौकरियों और पीएचडी के अवसरों को छोड़कर इस स्टार्टअप की शुरुआत की थी। उनका यह साहसिक निर्णय अब कई युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है।
सपनों को साकार करने की प्रेरणा
वरुण और ईशा की कहानी उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन गई है जो अपने सपनों को साकार करने का साहस रखते हैं। वरुण ने बताया कि उन्हें स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से पीएचडी और एक अंतरराष्ट्रीय ट्रेडिंग कंपनी से 5.25 लाख डॉलर सालाना की नौकरी का प्रस्ताव मिला था, जबकि ईशा को 1.5 लाख डॉलर की सैलरी पर सिस्टम इंजीनियर का ऑफर था। दोनों ने इन सुनहरे अवसरों को ठुकराकर अपनी एआई कंपनी स्थापित करने का निर्णय लिया।
सोशल मीडिया पर मिली सराहना
वरुण की कहानी सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई। लोगों ने उनके साहस और दृष्टिकोण की प्रशंसा की। कई यूजर्स ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और उनकी यात्रा को युवाओं के लिए एक आदर्श बताया।
गीगा की उपलब्धियां
गीगा अब डोरडैश जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए कस्टमर ऑपरेशन को स्वचालित करने में मदद कर रही है। हाल ही में प्राप्त 61 मिलियन डॉलर की फंडिंग से कंपनी अपने एआई सिस्टम को और उन्नत बनाएगी। वरुण और ईशा को फोर्ब्स 30 अंडर 30 एशिया 2024 सूची में भी स्थान मिला है, जो यह दर्शाता है कि जुनून और दृढ़ संकल्प से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।
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