आंध्र प्रदेश में मंदिर भगदड़: 9 की मौत, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में कार्तिक एकादशी के दौरान भीड़ के दबाव से भगदड़ मच गई, जिसमें 9 लोगों की जान चली गई। इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जानें इस दुखद घटना के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
Nov 2, 2025, 22:34 IST
श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भीड़ का हादसा
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के काशीबुग्गा गांव में स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में कार्तिक एकादशी के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। यह मंदिर ओडिशा के 94 वर्षीय सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हरि मुकुंद पांडा द्वारा स्थापित किया गया था और इसे चार महीने पहले खोला गया था। जानकारी के अनुसार, यह मंदिर तिरुमाला तिरुपति मंदिर की शैली में बनाया गया है, जहां हर शनिवार को लगभग 3,000 श्रद्धालु आते हैं।
इस बार कार्तिक एकादशी का पहला आयोजन होने के कारण लगभग 20,000 से अधिक लोग मंदिर में पहुंचे। हालांकि, मंदिर प्रबंधन ने प्रशासन को भीड़ के बारे में सूचित नहीं किया और सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किए। एक ही गेट से प्रवेश और निकासी की व्यवस्था, संकरी सीढ़ियों और कमजोर रेलिंग के कारण स्थिति गंभीर हो गई।
सुबह करीब 9 बजे अचानक भीड़ का दबाव बढ़ा, जिससे सीढ़ियों की रेलिंग टूट गई और भगदड़ मच गई। इस घटना में आठ महिलाओं और एक 13 वर्षीय बच्चे की दुखद मृत्यु हो गई। इसके अलावा, 25 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
जिलाधिकारी के वी महेश्वर रेड्डी ने बताया कि रेलिंग पहले से ही कमजोर थी। एक व्यक्ति के गिरने से संतुलन बिगड़ गया और अफरा-तफरी फैल गई। मौके पर मौजूद श्रद्धालु रमनम्मा ने बताया कि कुछ ही मिनटों में लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे और चीख-पुकार मच गई।
मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि यदि पहले से सूचना होती, तो पुलिस बेहतर भीड़ प्रबंधन कर सकती थी। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
पुलिस के अनुसार, मंदिर न तो राज्य के मंदिर एंडॉवमेंट विभाग में पंजीकृत है और न ही इसके पास बड़े धार्मिक आयोजनों की अनुमति थी। प्रारंभिक जांच के आधार पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 100 के तहत मामला दर्ज किया गया है और चार मंदिर कर्मचारियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवारों को दो लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की सहायता देने की घोषणा की है।
यह इस वर्ष आंध्र प्रदेश में तीसरी बड़ी मंदिर दुर्घटना है। इससे पहले जनवरी में तिरुपति में छह लोगों की मौत और अप्रैल में विशाखापट्टनम के सिम्हाचलम मंदिर में दीवार गिरने से सात लोगों की जान चली गई थी। इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मंदिर के संस्थापक हरि मुकुंद पांडा ने इस हादसे को “ईश्वर की इच्छा” बताते हुए किसी भी जिम्मेदारी से खुद को अलग कर लिया है। लेकिन स्थानीय लोग इसे लापरवाही का परिणाम मानते हैं और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। घायल श्रद्धालुओं का इलाज जारी है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।