आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने केंद्र से पूर्वोदय योजना के तहत वित्तीय सहायता की मांग की
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर पूर्वोदय योजना के तहत राज्य को वित्तीय सहायता देने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि इस योजना का उद्देश्य पूर्वी राज्यों के विकास को बढ़ावा देना है। नायडू ने कृषि और औद्योगिक विकास के लिए लक्षित वित्त पोषण की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आय में वृद्धि हो सके। जानें इस योजना के महत्व और राज्य सरकार के विकास लक्ष्यों के बारे में।
Sep 30, 2025, 16:07 IST
मुख्यमंत्री नायडू की केंद्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। इस दौरान, उन्होंने केंद्र सरकार से पूर्वोदय योजना के तहत राज्य को वित्तीय सहायता देने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि पूर्वी राज्यों के विकास के लिए शुरू की गई इस योजना के तहत बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को पहले ही प्रमुख लाभार्थियों के रूप में मान्यता दी गई है।
पूर्वोदय योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि, औद्योगिक और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देकर पूर्वी क्षेत्रों की आर्थिक क्षमता को उजागर करना है। इससे क्षेत्रीय असमानताओं को कम करने और समावेशी विकास को प्रोत्साहित करने की कोशिश की जा रही है। मुख्यमंत्री नायडू ने संतुलित विकास की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने योजना के धन का प्रभावी उपयोग करने के लिए व्यापक योजनाएँ बनाई हैं।
राज्य सरकार के विकास लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री सीतारमण को बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य रायलसीमा में बागवानी को बढ़ावा देना, उत्तरी आंध्र में कॉफी बागानों, काजू और नारियल के खेतों का विस्तार करना और तटीय आंध्र में जलीय कृषि गतिविधियों को मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि पूर्वोदय योजना के तहत इन परियोजनाओं के लिए लक्षित वित्त पोषण से न केवल उत्पादकता में सुधार होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन और आय का स्तर भी बढ़ेगा।
आर्थिक विकास में परिवर्तनकारी भूमिका
मुख्यमंत्री नायडू ने इस योजना के कार्यान्वयन को उत्तरी आंध्र और रायलसीमा जैसे पिछड़े क्षेत्रों के उत्थान में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। ये क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से औद्योगिक और आर्थिक विकास में पीछे रहे हैं। इसके अलावा, मुख्यमंत्री सीआईआई के कर्टेन-रेजर साझेदारी शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे, जहाँ वे राज्य में निवेश के अवसरों की जानकारी देंगे और नवंबर में विशाखापत्तनम में होने वाले सीआईआई के भव्य शिखर सम्मेलन में निवेशकों को आमंत्रित करने की योजना बना रहे हैं।