अहोई अष्टमी 2025: व्रत के दौरान न करें ये गलतियां
अहोई अष्टमी व्रत का महत्व
अहोई अष्टमी 2025Image Credit source: AI
Ahoi Ashtami Vrat 2025: हिंदू धर्म में अहोई अष्टमी का व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह विशेष रूप से संतानवती महिलाओं के लिए खास है, जो अपने बेटों की लंबी उम्र, सुखद जीवन, प्रगति और स्वास्थ्य के लिए इसे करती हैं। समय के साथ, महिलाएं अपनी बेटियों के लिए भी इस व्रत को करने लगी हैं। यह व्रत मुख्य रूप से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में मनाया जाता है।
हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है, जिसे अहोई आठें भी कहा जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत बहुत पवित्र होता है। इस व्रत के माध्यम से संतान के जीवन में खुशहाली लाने की मान्यता है, लेकिन कुछ कार्य ऐसे हैं, जिन्हें इस दिन नहीं करना चाहिए। इन कार्यों को करने से पुण्य की बजाय पाप की प्राप्ति होती है।
अहोई अष्टमी का व्रत कब है?
कब है अहोई अष्टमी का व्रत?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 13 अक्टूबर 2025 को दोपहर 12:24 बजे शुरू होगी और 14 अक्टूबर 2025 को सुबह 11:09 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार, अहोई अष्टमी का व्रत 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
अहोई अष्टमी के दिन न करें ये काम
अहोई अष्टमी के दिन न करें ये काम
महिलाएं अहोई अष्टमी का व्रत निर्जला रखती हैं, जिसमें वे दिनभर कुछ नहीं खातीं और जल भी नहीं पीतीं। इस दिन नुकीली और धारदार वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए। मिट्टी से संबंधित कोई कार्य भी नहीं करना चाहिए। व्रत के दौरान सोना अशुभ माना जाता है। व्रत का संकल्प लेने के बाद इसे बीच में नहीं तोड़ना चाहिए। झूठ बोलने और झगड़ा करने से बचना चाहिए। अष्टमी तिथि के आरंभ से लेकर समापन तक ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है। इस दौरान ज्यादा बातचीत न करके मंत्रों का जाप करना चाहिए। व्रत के दिन बाल धोना और काटना भी मना है।