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अहमदाबाद विमान हादसे में शवों की पहचान में देरी, परिजनों को करना होगा इंतजार

अहमदाबाद में हाल ही में हुए विमान हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिजनों को उनके शव प्राप्त करने के लिए और इंतजार करना पड़ सकता है। डीएनए मिलान की प्रक्रिया जटिल है और अभी भी कई शवों की पहचान की जा रही है। राहत कमिश्नर ने बताया कि सरकार ने एक विशेष इंश्योरेंस डेस्क स्थापित किया है, जो परिजनों को सहायता प्रदान करेगी। जानें इस मामले में और क्या हो रहा है और परिजनों की स्थिति क्या है।
 

अहमदाबाद विमान दुर्घटना में शवों की पहचान

परिजनों को पार्थिव शरीर के लिए करना होगा और इंतजार

अहमदाबाद में हाल ही में हुए विमान हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों के परिवारों को उनके पार्थिव शरीर प्राप्त करने के लिए और इंतजार करना पड़ सकता है। जिनके डीएनए की पहचान हो चुकी है, उन्हें शव सौंप दिए गए हैं, जबकि अन्य की पहचान की प्रक्रिया जारी है।

अहमदाबाद मेडिकल कॉलेज के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. रजनीश पटेल ने बताया कि डीएनए मिलान की प्रक्रिया जटिल है और फॉरेंसिक टीम इस पर लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि डीएनए मिलान के बाद भी कई प्रक्रियाएं हैं, जिन्हें पूरा करने में समय लगेगा। इस कारण शवों को परिजनों को सौंपने में 3 से 4 दिन लग सकते हैं।

हर शव के लिए एक टीम

राहत कमिश्नर आलोक पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी संबंधित विभाग परिजनों को शव सौंपने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज 22 जिलों में परिजनों से संपर्क किया गया और 22 डेथ सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं।

इंश्योरेंस डेस्क की स्थापना

आलोक कुमार ने जानकारी दी कि सरकार ने एक विशेष इंश्योरेंस डेस्क स्थापित किया है, जिसमें 22 सदस्यों की टीम बनाई गई है। यह टीम परिजनों को इंश्योरेंस से संबंधित जानकारी प्रदान करेगी और उनके दस्तावेजों को प्रोसेस करेगी ताकि उन्हें समय पर डेथ क्लेम मिल सके। हर शव के साथ एक टीम होगी, जो शव को घर तक पहुंचाएगी।

तीन परिजनों का आना बाकी

आलोक कुमार ने बताया कि फ्लाइट में मौजूद 230 यात्रियों में से 227 के परिजनों से संपर्क हो चुका है। बाकी तीन परिजनों से भी संपर्क किया गया है, लेकिन वे अभी तक अहमदाबाद नहीं पहुंच पाए हैं। उम्मीद है कि वे कल शाम या परसों सुबह तक पहुंच जाएंगे।

सात आईपीएस अधिकारियों की तैनाती

पुलिस अधिकारी जयपाल ने बताया कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे सिविल अस्पताल परिसर में 7 आईपीएस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। पुलिस 24 घंटे काम कर रही है और परिजनों को शव ले जाने में मदद कर रही है। इसके लिए ट्रैफिक फ्री कॉरिडोर भी तैयार किया जा रहा है।

47 डीएनए मिलान

डॉ. रजनीश पटेल ने बताया कि हादसे के बाद 47 शवों का डीएनए मिलान हो चुका है। 44 परिवारों को सूचित कर दिया गया है। कुल मौतों की संख्या का पता डीएनए सैंपलिंग के बाद ही चलेगा। वर्तमान में अस्पताल में केवल 13 लोग भर्ती हैं, बाकी सभी को डिस्चार्ज कर दिया गया है।