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अहमदाबाद में राष्ट्रीय सेमिनार: दवा वितरण तकनीकों पर चर्चा

अहमदाबाद के एन.एम. पडलिया फार्मेसी कॉलेज में 'Advances in Rapid Drug Delivery Technologies' विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रमुख वैज्ञानिकों ने दवा वितरण तकनीकों पर चर्चा की। मुख्य अतिथि मगनभाई पटेल ने प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना की सफलता के बारे में बताया, जबकि डॉ. लालसिंघजी ने द्वीपों की पारिस्थितिकी और वनस्पति पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
 

सेमिनार का आयोजन

हाल ही में अहमदाबाद के बावला रोड पर स्थित एन.एम. पडलिया फार्मेसी कॉलेज में 'Advances in Rapid Drug Delivery Technologies from Past Insights to Future Prospects' विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन ग्लोबल एग्रोबायोटेक एंड फार्मा रिसर्च फाउंडेशन और एसोसिएशन ऑफ फार्मास्युटिकल टीचर्स ऑफ इंडिया के सहयोग से किया गया। सेमिनार की अध्यक्षता कॉलेज के प्रमुख और मेनेजिंग ट्रस्टी मगनभाई पटेल ने की, जो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उनके आमंत्रण पर डॉ. लालसिंघजी, जो वरिष्ठ वैज्ञानिक और वनस्पतिशास्त्री हैं, इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए।


मुख्य अतिथि का भाषण

मगनभाई पटेल ने अपने भाषण में कहा कि डॉ. लालसिंघजी की प्रस्तुति ने सभी को प्रभावित किया। उन्होंने बताया कि भारत में फार्मा उद्योगों द्वारा बेची जाने वाली दवाओं की कीमतें बहुत अधिक हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई 'प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना' ने गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए दवाओं की लागत को कम किया है। वर्तमान में देशभर में 16,400 से अधिक जन औषधि केंद्र कार्यरत हैं, जहां सस्ती दवाएं उपलब्ध हैं।


अंदमान और निकोबार द्वीप समूह

मगनभाई पटेल ने आगे कहा कि अंदमान और निकोबार द्वीप समूह में 572 द्वीप हैं, जिनमें से केवल 38 पर लोग निवास करते हैं। इन द्वीपों की राजधानी पोर्ट ब्लेयर है, जो मुख्य भूमि से काफी दूर स्थित है। उन्होंने बताया कि यहां की जनसंख्या में 69.5% लोग हिंदू, 21.7% ईसाई और 8.5% मुस्लिम हैं।


डॉ. लालसिंघजी की प्रस्तुति

डॉ. लालसिंघजी ने अपने भाषण में द्वीपों की वनस्पति और पारिस्थितिकी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2004 में आई सुनामी ने द्वीपों के कई समुद्री शैवाल आवासों को नष्ट कर दिया था। उन्होंने उपस्थित छात्रों को अंदमान-निकोबार का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया, जिसे सभी ने सराहा।


कार्यक्रम का समापन

इस राष्ट्रीय सेमिनार के अंत में, डॉ. भूमि रावल ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया और कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।