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असम सरकार उच्चतम न्यायालय में करेगी अपील, 52 अधिकारियों की बहाली पर उठे सवाल

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करने का निर्णय लिया है। उच्च न्यायालय ने 2013 और 2014 बैच के 52 बर्खास्त अधिकारियों को बहाल करने का निर्देश दिया है, जिसे मुख्यमंत्री ने 'दुखदायी' बताया है। उन्होंने कहा कि यह आदेश उस समय आया है जब राज्य में केवल योग्यता के आधार पर भर्तियां हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि वे सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी व्यक्ति को गलत तरीके से नौकरी पाने की अनुमति न मिले।
 

मुख्यमंत्री का बयान

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को जानकारी दी कि राज्य सरकार गुवाहाटी उच्च न्यायालय के उस निर्णय के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील करने की योजना बना रही है, जिसमें असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) द्वारा आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में नौकरी के बदले नकदी घोटाले में बर्खास्त किए गए 52 अधिकारियों को बहाल करने का आदेश दिया गया है।


उच्च न्यायालय का आदेश

मुख्यमंत्री ने उच्च न्यायालय के इस आदेश को उस समय 'दुखदायी' बताया जब राज्य सरकार केवल योग्यता के आधार पर भर्तियों को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है। उच्च न्यायालय ने 2013 और 2014 बैच के बर्खास्त 57 अधिकारियों में से 52 को बहाल करने का आदेश शुक्रवार को जारी किया।


अदालत के निर्देश

अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि बर्खास्त अधिकारियों को 50 दिन के भीतर बहाल किया जाए, जो अपनी परिवीक्षा अवधि पूरी कर चुके हैं। इसके साथ ही, अगले 30 दिनों तक इन अधिकारियों को कोई कार्य नहीं सौंपा जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर विभागीय जांच की अनुमति भी दी गई है।


मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

बक्सा में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए शर्मा ने कहा, 'एपीएससी मामले पर खंडपीठ का फैसला दुखद है और इससे हमें निराशा हुई है।' उन्होंने कहा कि अदालत का यह आदेश उस समय आया है जब राज्य में केवल योग्यता के आधार पर भर्तियां हो रही हैं।


भविष्य की योजना

मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैंने निर्णय नहीं देखा है, लेकिन जो मैंने समाचार पत्रों में पढ़ा है, यदि वह सही है तो यह निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है।' उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय में अपील करेगी और अंतिम क्षण तक यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी कि किसी भी व्यक्ति को गलत तरीके से नौकरी पाने की अनुमति न मिले।


घोटाले का इतिहास

यह घोटाला 2016 में सामने आया था, जिसमें असम पुलिस ने जांच के दौरान आयोग के पूर्व अध्यक्ष राकेश कुमार पॉल सहित 70 लोगों को गिरफ्तार किया था।