असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर, 38 लोगों की जान गई
असम में बाढ़ की गंभीर स्थिति
सोमवार को असम में बाढ़ की स्थिति अत्यंत गंभीर बनी रही, जहां राज्य के विभिन्न हिस्सों में जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। मौसम विज्ञान विभाग ने आगामी दिनों में राज्य में और बारिश की संभावना जताई है।गुवाहाटी में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि असम के अधिकांश क्षेत्रों में मध्यम वर्षा की संभावना है, जबकि कुछ स्थानों पर भारी से अत्यधिक बारिश की भी आशंका है।
पूर्वोत्तर में बाढ़ से बढ़ी मौतों की संख्या
पूर्वोत्तर में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 38 तक पहुँची
सोमवार को असम में एक और मौत की सूचना मिली, जिससे पूर्वोत्तर में बाढ़ से संबंधित कुल मौतों की संख्या 38 हो गई। इनमें 11 असम में, 9 अरुणाचल प्रदेश में, 6-6 मेघालय और मिजोरम में, 3 सिक्किम में, 2 त्रिपुरा में और 1 नागालैंड में हुई है। लगातार भारी बारिश के कारण पूरा क्षेत्र बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित है।
बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या
क्षेत्र के कई राज्यों में 5.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित
बाढ़ और भूस्खलन के कारण पूर्वोत्तर के कई राज्यों में 5.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। असम में सबसे अधिक 11 लोगों की जान गई है, इसके बाद अरुणाचल प्रदेश में 10, मेघालय में 6, मिजोरम में 5, सिक्किम में 3 और त्रिपुरा में 1 व्यक्ति की मौत हुई है। एक आधिकारिक बुलेटिन के अनुसार, असम के 22 जिलों में बाढ़ से 5.35 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि 15 नदियां उफान पर हैं।
एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि सिक्किम के छतेन में एक सैन्य शिविर भूस्खलन की चपेट में आया, जिससे तीन सैन्यकर्मियों की मौत हो गई और छह सैनिक लापता हैं।
बचाव कार्य जारी
असम राइफल्स ने मणिपुर से 1,500 से अधिक लोगों को बचाया
पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश के चलते, भारतीय सेना, असम राइफल्स और मणिपुर अग्निशमन सेवा ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक बचाव अभियान शुरू किया, जिसमें 1,500 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया।अधिकारियों ने नावों का उपयोग करते हुए और फंसे हुए निवासियों को अपनी पीठ पर उठाकर सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की।इंजीनियर टास्क फोर्स कमांडर कर्नल गुणव्रत भिवगड़े ने कहा कि उनकी टीमें स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रही थीं और पहले से तैयार थीं।
कर्नल ने कहा, "जैसे ही बारिश तेज़ होने लगी, हम स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे थे। हमने पर्याप्त तैयारी की थी और नागरिक प्रशासन के साथ समन्वय किया था। जैसे ही जलभराव की ख़बर आई, हमने तुरंत प्रतिक्रिया दी।"